रायपुर। बस्तर के आदिवासी मंत्री कवासी लखमा(Bastar’s tribal minister Kavasi Lakhma) अपनी सरलता के लिए जाने जाते हैं(Known for his simplicity)। दो दिन पहले की बात है। वे सुकमा दौरे पर सीएम भूपेश बघेल(CM Bhupesh Baghel) के साथ गए थे। दौरे से लौटते समय उनका वाहन जब उनके गांव नागारास(Village Nagaras) से गुजर रहा था,आदिवासी मंत्री कवासी लखमा( tribal minister Kavasi Lakhma) ने अपने खेतों के पास ही वाहन रुकवाया (Vehicle stopped near  his fields)और पैदल ही अपने खेतों में निकल गए। कुछ देर तक उन्होंने अपनी धान की फसल को निहारा(Paddy crop was appreciated)। उसके बाद फिर वे अपने घर की ओर रवाना हुए।
प्रदेश के उद्योग और आबकारी मंत्री के रूप में इतनी बड़ी शख्सियत होने के बावजूद भी इतने सादगीपूर्ण ढंग से रहना तो कोई कवासी लखमा से ही सीखे।

पहनावे और व्यवहार से भी झलकती है सादगी:
सफेद रंग का कुर्ता, धोती और उस पर गमछा पहने मंत्री कवासी लखमा वास्तव में बेहद सादगी पसंद इंसान हैं। जहां भी चाहा वहीं खाना खा लिया। कभी जमीन पर बैठ कर तो कभी डायनिंग टेबल पर। इससे ज्यादा सरलता और क्या होगी। वहीं उनके चाहने वाले लोग भी यही बताते हैं कि उनका व्यवहार भी बेहद सरल है। किसान पुत्र होने के कारण शहरी तामझाम से उनका ज्यादा सरोकार नहीं है। तभी तो अपनी फसलों को देखने का मोह नहीं छोड़ सके और खेतों में ही उतर कर मेड़ों पर चलते-चलते धान की फसल देखने चले गए। हालांकि उनकी धान की फसल भी काफी अच्छी दिखाई दे रही थी। गोया लगा कि उनका खेत भी अपने मालिक का इंतजार कर रहा हो कि आने पर उनको अच्छी फसल दिखनी चाहिए ताकि मंत्री लखमा का मन प्रसन्न हो जाए। वैसे भी बस्तर के आदिवासियों के व्यवहार के बारे में जो जानते हैं वे यही बताते हैं कि ये लोग काफी सादे और सरल व्यवहार के होते हैं। इनका झूठ और फरेब से कोई सरोकार नहीं रहता है। बस्तर का आम आदिवासी आज भी बेहद सरल और सीधा-सादा होता है।

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