रायपुर। कुपोषण (malnutrition) को मिटाने और सुपोषण को बढ़ाने हेतु छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) को पांच राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया। नई दिल्ली में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने संयुक्त रूप से 50 लाख रुपए का चेक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। छत्तीसगढ़ ने दो श्रेणियों में उत्कृष्टता पुरस्कार में दूसरा स्थान हासिल किया। इसमें जिला, ब्लॉक, पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम स्तर पर तीन और नेतृत्व व अभिसरण के लिए दो पुरस्कार मिले हैं।

दुर्ग बना सर्वश्रेष्ठ जिला

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय (Union Ministry of Women and Child Development) ने दुर्ग जिले (Durg District) को सर्वश्रेष्ठ जिला, करतला (कोरबा) को सर्वश्रेष्ठ विकास खंड, सरगुजा (बतौली) और दुर्ग जिले (पाटन) को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों, सर्वेक्षणकर्ताओं, एएनएम की सर्वश्रेष्ठ टीम के लिए चुना। चयनित टीम को प्रशस्ति पत्र और 2.5 लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित किया गया। दुर्ग को जिला स्तरीय नेतृत्व और अभिसरण पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में सम्मानित किया गया।

7 जिलों में होती है ऑनलाइन मॉनिटरिंग

सुपोषण के क्षेत्र में बेहतर प्रर्दशन करने के लिये छत्तीसगढ़ का चयन दो श्रेणियों में किया गया है। पहली श्रेणी आईसीडीएस-कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है। सात जिलों रायपुर, दुर्ग, महासमुन्द, गरियाबंद, बालोद, बेमेतरा, कबीरधाम में आईसीटी-आरटीएम सिस्टम लागू किया गया है। इसके माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सीधे मोबाइल से आंकड़े भारत सरकार के सर्वर पर भेजती हैं और ऑनलाइन मॉनिटरिंग (Online Monitoring) होती है।

दूसरी श्रेणी, सतत् सीख प्रक्रिया, क्षमता विकास, अभिसरण, समुदाय आधारित गतिविधि के तहत जिलों में समय आधारित लक्षित कार्य किया जा रहा है।

 

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