नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली (Former Central Minister Arun Jaitley)  का निधन। वे 66 साल के थे, उन्होंने 24 अगस्त शनिवार दोपहर 12:07 मिनट पर अंतिम सांस लीं। उन्हें सांस लेने में पेशानी और बेचैनी की शिकायत के बाद 9 जुलाई को AIIMS में भर्ती कराया गया था। निधन की खबर सुनकर अस्पताल में बीजेपी वरिष्ठ नेता पहुंच गए हैं। अरुण जेटली (Arun Jaitley) को सांस लेने में परेशानी और बेचैनी की शिकायत होने पर AIIMS की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बताया था कि वे ‘हिमोडायनैमिकली स्थिर’ हैं। इस अवस्था में मरीज की हृदयगति और रक्त संचार स्थिर रहता है। एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजरें बनाए हुए थी।

पेशे से थे सुप्रीम कोर्ट के वकील

पेशे से वकील अरुण जेटली (Arun Jaitley) से एक टीवी चैनल के शो में जब पूछा गया कि वह सुप्रीम कोर्ट की वकालत छोड़कर राजनीति में क्यों आए? तो उन्होंने अपने जवाब में कहा था कि मैं कोई पहला व्यक्ति नहीं जो वकालत छोड़कर राजनीति में आया हो। पूर्व में आजादी के आंदोलन से जुड़े बहुत से लोग राजनीति में शामिल हुए और एक राजनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई।’ इसपर पूछा गया कि अगर वह वकालत करते तो पांच साल में ही 300-400 करोड़ कमा लेते? इसके जवाब में जेटली कहा कि, ‘मुझे इसका कोई गम नहीं है। मैंने जिस वैकल्पिक जीवन को चुना है। वो सोचकर चुना है। सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रहना, पार्टी का एक राष्ट्रीय पदाधिकारी रहना और विपक्ष का नेता रहना। शायद मेरे व्यक्तित्व को निखारने में इनका ज्यादा रोल है।’

खराब सेहत के चलते मंत्री पद से किया था इनकार

जेटली (Arun Jaitley) ने इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते नई सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते। उन्होंने ट्वीटर पर इस पत्र की कॉपी भी साझा की थी।

सितंबर 2014 में हुआ था बैरिएट्रिक ऑपरेशन

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Former Finance Minister) का सितंबर 2014 में बैरिएट्रिक ऑपरेशन हुआ था। लंबे समय से मधुमेह के कारण वजन बढ़ने की समस्या के निदान के लिए उन्होंने यह ऑपरेशन करवाया था। यह ऑपरेशन पहले मैक्स हॉस्पीटल में हुआ था पर बाद में कुछ दिक्कतें आने के कारण उन्हें एम्स स्थानांतरित किया गया था। कुछ साल पहले उनके दिल का भी ऑपरेशन हुआ था।

पिछले दो सालों से बीमार थे जेटली

अरुण जेटली (Arun Jaitley) पिछले दो सालों से कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हैं। खराब स्वास्थ्य के कारण ही उन्होंने मोदी सरकार के दूसरे कैबिनेट में मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होने की सूचना दी थी। हालांकि, सभी प्रमुख मुद्दों पर जेटली सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहते थे। उन्हें सॉफ्ट टिशू कैंसर नाम की बीमारी है। इसके पहले किडनी संबंधी बीमारी के बाद पिछले साल मई में अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। किडनी की बीमारी के साथ ही कैंसर होने से उनकी हालत खराब हो गई है। सॉफ्ट टिशू कैंसर के इलाज के लिए वे इसी साल जनवरी में अमेरिका गए थे।

पिछले साल हुआ था किडनी प्रतिरोपण

पिछले साल 14 मई को अरुण जेटली (Arun Jaitley) का किडनी प्रतिरोपण हुआ था। अप्रैल 2018 से ही उन्होंने कार्यालय आना बंद कर दिया था और 23 अगस्त, 2018 को वित्त मंत्रालय में लौटे थे।

खराब स्वास्थ्य के चलते नहीं लड़ा था 2019 का लोकसभा चुनाव

पेशे से वकील जेटली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई वाली पहली राजग सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जेटली ने अपने स्वास्थ्य कारणों से 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। पिछले साल 14 मई को जेटली का किडनी प्रतिरोपण हुआ था। अप्रैल 2018 से ही उन्होंने कार्यालय आना बंद कर दिया था और 23 अगस्त, 2018 को वित्त मंत्रालय में लौटे थे।

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