नई दिल्ली। देश के पूर्व रक्षा एवं वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली (Former Defense and Finance Minister Arun Jaitley) का पार्थिव शरीर इस वक्त  बीजेपी (bjp) मुख्यालय में रखा हुआ है। यहां लोग अपने नेता के अंतिम दर्शन करने उमड़े हुए हैं। यानि आज के बाद अब अरुण जेटली ( Arun Jaitley) कभी भी भाजपा (bjp) मुख्यालय नहीं जाएंगे। दिखेंगी तो बस उनकी तस्वीरें। पार्टी के जानकार सूत्रों ने बताया कि आज दोपहर बाद 2 बजे उनका अंतिम संस्कार निगमबोध(Nigambodh Ghat) घाट पर किया जाएगा। आज अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।  बीजेपी  नेता जेटली ने शनिवार दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। वे 66 वर्ष के थे। किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके जेटली को कैंसर हो गया था। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक एस्क्विथ जेटली की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि जेटली ब्रिटेन में भी काफी लोकप्रिय हैं। वे हमेशा लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए काम करते रहे हैं।

 

राष्ट्रपति और इन नेताओं ने दी श्रद्धांजलि :

जेटली के आवास पर शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, लालकृष्ण आडवाणी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मिलिंद देवड़ा, जेपी नड्डा, रामविलास पासवान, चिराग पासवान, प्रकाश जावड़ेकर, अरविंद केजरीवाल, योगी आदित्यनाथ, नवीन पटनायक, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विजेंद्र गुप्ता, शाजिया इल्मी, शाहनवाज हुसैन, मनोज तिवारी, गौतम गंभीर, एस जयशंकर, डॉ. हर्षवर्धन समेत कई नेता श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

जेटली को याद कर भावुक हुए पीएम मोदी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) बहरीन दौरे पर हैं। मोदी ने जेटली की पत्नी और बेटे से फोन पर बात की। दोनों ने मोदी से अपना विदेश दौरा रद्द न करने की अपील की। इसके बाद मोदी बहरीन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए अरुण जेटली को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा, मैं एक दर्द दबा कर आपके बीच खड़ा हूं। विद्यार्थीकाल से लेकर सार्वजनिक जीवन में हम मिलकर साथ चले। हर पल एक-दूसरे के साथ जुड़े रहना, साथ मिलकर जूझते रहना। जिस दोस्त के साथ यह सब किया उसने आज देश छोड़ दिया। कल्पना नहीं कर सकता कि इतनी दूर बैठा हूं और मेरा एक दोस्त चला गया। बड़ी दुविधा का पल है। लेकिन मैं एक तरफ कर्तव्य और दूसरी तरफ दोस्ती की भावना से भरा हूं। मैं दोस्त अरुण को बहरीन की धरती से श्रद्धांजलि देता हूं। ईश्वर उनके परिवार को शक्ति दे।

अमेरिका भी गए थे कैंसर के इलाज के लिए :

सांस लेने में तकलीफ होने के बाद जेटली 9 अगस्त को एम्स में भर्ती हुए थे। जेटली का सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का इलाज चल रहा था। वे इस बीमारी के इलाज के लिए 13 जनवरी को न्यूयॉर्क गए थे और फरवरी में वापस लौटे। जेटली ने अमेरिका से इलाज कराकर लौटने के बाद ट्वीट किया था- घर आकर खुश हूं। उन्होंने अप्रैल 2018 में भी दफ्तर जाना बंद कर दिया था। 14 मई 2018 को एम्स में ही उनके गुर्दे (किडनी) प्रत्यारोपण भी हुआ था, वे शुगर से भी पीड़ित थे। सितंबर 2014 में वजन बढ़ने की वजह से जेटली की बैरियाट्रिक सर्जरी भी कराई गई थी।

बीजेपी की जीत के जश्न में शामिल नहीं हुए थे जेटली:

जेटली को छह महीने पहले भी जांच के लिए एम्स में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें इलाज के लिए यूके और यूएस जाने की सलाह दी थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद भाजपा कार्यालय में हुए कार्यक्रम में भी वो नजर नहीं आए थे। उन्होंने कैबिनेट की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था। मई 2019 में उन्होंने मोदी से कह दिया था कि नई सरकार में वे शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके बाद मोदी उनसे मिलने घर पहुंचे थे।

1973 में ग्रेजुएट, एक साल बाद छात्र संघ के अध्यक्ष बने:

जेटली के पिता महाराजा किशन जेटली और मां रतन प्रभा थीं। जेटली के पिता भी वकील थे। जेटली ने स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से पूरी की। 1973 में श्रीराम कॉलेज आॅफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया। अरुण जेटली 1973 में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के लिए गठित राष्ट्रीय समिति के संयोजक थे।

24 मई 1982 को उनका विवाह संगीता से हुआ। उनका एक बेटा रोहन और बेटी सोनाली है। जेटली अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना और प्रसारण, कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें अमृतसर लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद मोदी सरकार में उन्हें वित्त और रक्षा मंत्री बनाया गया। उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय भी संभाला। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया।

जेटली के जीवनकाल के 66 साल :

जन्म: 28 दिसंबर, 1952
1973 : दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से स्नातक।
1974 : दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष बने।
1975 : आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए।
1977 : दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली। वकालत शुरू की। एबीवीपी के अखिल भारतीय सचिव बनाए गए।
1980 : भाजपा में शामिल हुए।
1990 : एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बने। बोफोर्स केस में दलीलें दीं।
1991 : भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल।
1998 : यूएन आमसभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए।
1999 : वाजपेयी सरकार में सूचना एवं प्रसारण (स्वतंत्र प्रभार) के साथ विनिवेश मंत्रालय भी संभाला।
2000 : राज्यसभा पहुंचे। इसके साथ ही कानून मंत्रालय का प्रभार भी संभाला।
2006 : पुन: राज्यसभा सांसद निर्वाचित किए गए।
2009 : राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने। वकालत छोड़ी।
2012 : तीसरी बार राज्यसभा सांसद बने।
2014 : मोदी सरकार में वित्त के साथ रक्षा मंत्रालय का प्रभार भी संभाला।
2018 : किडनी ट्रांसप्लांट हुआ।
24 अगस्त 2019 : दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।