नई दिल्ली। आखिरकार वो समय आ ही गया जब अंतिम विदाई दी जाए। निगमबोध घाट (Nigambodh Ghat) पर आज देश के पूर्व रक्षा एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली (Former Defense and Finance Minister of the country, Arun Jaitley ) को अंतिम बार विदा किया। उनके पुत्र रोहन जेटली ने मुखाग्नि दी। इसके साथ ही वे पंचतत्व में विलीन(Merges in quintessence) होना शुरू हो गए। वहां मौजूद लोगों ने जमकर जयघोष किया।

इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू केंदीय मंत्री रामविलास पासवान, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, रामदास आठवले, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया, महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस, गुजरात सीएम विजय रूपाणी, हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र रावत, कर्नाटक सीएम येदियुरप्पा, बिहार सीएम नीतीश कुमार और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत तमाम लोग निगमबोध घाट पर मौजूद रहे (Home Minister Amit Shah, Defense Minister Rajnath Singh, Vice President Venkaiah Naidu Union Minister Ram Vilas Paswan, Union Minister Ravi Shankar Prasad, Ramdas Athawale, Delhi CM Arvind Kejriwal, Deputy CM Manish Sisodia, Maharashtra CM Devendra Fadnavis) were present there.)

उत्तर प्रदेश का पूरा मंत्रिमंडल मौजूद:

उनकी अंतिम यात्रा में यूं तो पूरे देश से लोग आए थे। तो वहीं उत्तर प्रदेश के तमाम कद्दावर नेताओं से लेकर बीजेपी के तमाम कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ के भी तमाम नेता पहुंचे:

उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से लेकर तमाम कद्दावर नेता आज दिल्ली में जमें हुए हैं। वे लोग भी अरुण जेटली के अंतिम संस्कार में शरीक हुए। कुल मिलाकर देश ने एक पखवाड़े के अंदर दो बड़े नेताओं को खोया। इससे बीजेपी को काफी बड़ा नुकसान हुआ। कुछ दिनों पहले सुषमा स्वराज और फिर अरुण जेटली का जाना वास्तव में बहुत बड़ी क्षति है।

विदेश दौरे पर गए प्रधानमंत्री ने किया अरुण जेटली को याद:

उनके निधन की खबर मिलते ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी भावुक हो गए। उन्होंने सबसे पहले अरुण जेटली की पत्नी से बात की। उन्होंने कहा कि वे तत्काल वापस आना चाह रहे हैं। इस पर उनकी पत्नी ने कहा कि प्रधानमंत्रीजी अपने यात्रा पूरी करके वापस आएं। आप देश के काम से गए हैं। लिहाजा पूरे परिवार का निवेदन है कि आप यात्रा अधूरी न छोड़ें। इतने बड़े संकट के समय भी अरुण जेटली की पत्नी का देश के प्रति ये समर्पण वास्तव में उनके सानिध्य का ही नतीजा है। अपनी मातृशक्ति होने का फर्ज उन्होंने बखूबी निभाया।

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