नई दिल्ली। अभी तक तो नदी और घाटों की सफाई ही की जाती रही, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) ने असल सफाई भी अब शुरू कर दिया है। उसी के तहत आज सेंट्रल बोर्ड आफ  इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (Central Board of Indirect Taxes and Customs)(CBIC) ने अपने और 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर(Forcibly retire) कर दिया। ये सारे अधिकारी सुपरिन्टेंडेंट या एओ लेवल(Superintendent or AO level) के बताए जा रहे हैं। उन्हें फंडमेंटल रूल 56(ख) के तहत सार्वजनिक हित में कार्यमुक्त कर दिया गया है। इन अफसरों पर भ्रष्टाचार और दूसरे गंभीर आरोप लगे थे। ऐसे में अब ये लगने लगा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) की सरकार अब एक् शन में आई है।

प्रधानमंत्री ने लाल किले से दिए थे संकेत:

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देने का यह तीसरा चरण है। एक टैक्स अधिकारी ने कहा, ‘यह कार्रवाई प्रधानमंत्री के लाल किले से जताई गई उस चिंता के बाद की गई है जिसमें उन्होंने कहा था कि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने अपने शक्तियों की दुरुपयोग कर करदाताओं को प्रताड़ित किया होगा। उन्होंने या तो ईमानदार करदाताओं को निशाना बनाया होगा या फिर छोटी-छोटी गलतियों और प्रक्रियागत खामियों पर बड़ी कार्रवाई की होगी।’
सक्षम अधिकारी ने बताया, ‘हमने बड़ी संख्या में टैक्स अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर बड़ा और कड़ा कदम उठाया और इस तरह का व्यवहार आगे भी सहन नहीं किया जाएगा।’ ध्यान रहे कि हाल ही में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के 12 अधिकारियों समेत भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 27 अधिकारियों की छुट्टी कर दी गई थी। उन्हें भी फंडामेंटल रूल्स 56(ख) के तहत ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी।

आने वाले समय में और कड़े निर्णय:

कहने वाले कह रहे हैं कि ये तो अभी अंगड़ाई है, आगे कठिन लड़ाई है। आने वाले समय में यही कानून राज्य सरकारों को भी लागू करना पड़ सकता है। ऐसे में भ्रष्टाचारी अधिकारियों की छुट्टी होनी तय है। तो वहीं लोग ये भी कहते सुने जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असल सफाई अभियान तो अब शुरू किया है।

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