नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए एक राहतभरी खबर आ रही है। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ से लगातार मिल रही हिंसा की शिकायतों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ठोस पहल की है। हिंसा की बढ़ती घटनाओं से सख्ती से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नया बिल तैयार किया है।

सख्ती से करवाई करने का प्रावधान शामिल

“The Healthcare Service Personnel and Clinical Establishments (Prohibition of Violence and Damage to Property) Bill 2019” नाम के इस ड्राफ्ट बिल में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्ती से करवाई करने का प्रावधान शामिल किया गया है। ड्राफ्ट बिल में दोषियों को तीन से दस साल तक की सजा और दो से दस लाख तक की फाइन का प्रावधान शामिल किया गया है।

हमलों को “संज्ञेय” और “गैर जमानती” अपराध माना जायेगा

ड्राफ्ट बिल में कहा गया है कि इस तरह के हमलों को “संज्ञेय” और “गैर जमानती” अपराध माना जायेगा। इस बिल के जरिये मेडिकल समुदाय में बढ़ती असुरक्षा को दूर करने का प्रयास किया गया है।

 डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ से हिंसा करने से पहले जरूर जान लें इस बिल के बारे में
डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ से हिंसा करने से पहले जरूर जान लें इस बिल के बारे में

साथ ही, ड्राफ्ट बिल के अनुसार अस्पतालों और नर्सिंग होम में तोड़-फोड़ करने वालों को नुकसान की भरपाई भी करनी होगी। प्रस्तावित ड्राफ्ट बिल में कहा गया है की दोषी ने अस्पताल या नर्सिंग होम को जितना नुकसान पहुंचाया हो उसका फेयर मार्केट वैल्यू के मुताबिक दोगुना पैसा मुआवज़े के तौर पर देना होगा।

वेबसाइट पर शेयर कर जनता से 30 दिन में मांगा सुझाव

फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय ने ड्राफ्ट बिल को अपने वेबसाइट पर शेयर कर जनता से अगले 30 दिन में सुझाव मांगे हैं। वहीँ स्टेकहोल्डर्स के सुझावों की समीक्षा के बाद ड्राफ्ट बिल को अंतिम रूप दिया जायेगा।