रायपुर। World Suicide Prevention Day 10 September आत्महत्या (Suicide) दुनिया भर में युवाओं की असमय मौत का तीसरा प्रमुख कारण है। पिछले कुछ वर्षों से भारत में आत्महत्या की दर (Suicide Rate) में वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ राज्य में यह आंकड़े काफी चौकाते हैं। 2015 NCRB रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में आत्महत्या की दर 27.7 प्रतिशत है। प्रदेश में आत्महत्या (Suicide Rate in Chhattisgarh) के मामलों के पीछे तनाव और मानसिक उत्पीड़न मुख्य कारण है।

चौकातें हैं छत्तीसगढ़ के आंकड़े

प्रदेश में सबसे ज्यादा आत्महत्या करने वालों में 14 से 29 साल के युवा शामिल हैं।  इसी के साथ ही, देश में किसान आत्महत्या के मामले भी काफी अधिक हैं। 2015 के दौरान पूरे देश में कुल 12,602 व्यक्तियों (8007 किसानों / कृषक और 4595 कृषि मजदूरों) ने आत्महत्या की। जिसमें छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पिछले चार वर्षों में 1,344 किसानों ने आत्महत्या की है। राज्य की राजधानी का अनुमानित आंकड़ा लगभग 25-30 किसानों का है।

जहां छत्तीसगढ़ में वर्ष 2015-16 में 14,705 मामले दर्ज किए गए हैं। हैरत की बात यह है कि दुर्ग-भिलाई नगर में आत्महत्या की उच्चतम दर 34.9 फीसदी बताई गई है। जो कि राष्ट्रीय औसत दर 10.6% से अधिक है।

छत्तीसगढ़ में आत्महत्या के मामले

आत्महत्या के प्रमुख कारण

परिवार की समस्याओं, बीमारी, बेरोजगारी, बैंक से लोन, असफल प्रेम मामले, शिक्षा, ड्रग एब्यूज या लत आत्महत्याओं का प्रमुख कारण है। इसके अलावा कई अन्य कारण भी हैं जो इस सूची में शमिल नहीं है। विभिन्न कारणों से तनावग्रस्त होने और अवसाद में चले जाने से लोग आत्महत्या (Suicidal case) की ओर प्रेरित होते हैं। ज्यादातर मामले में तनाव बढऩे पर लोग जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं। कई बार युवा वर्ग समाचार पढ़कर भी आत्महत्या करने की प्रेरणा लेते हैं।

प्रदेश में आत्महत्या के प्रमुख कारण

एक फोन कॉल और बच सकती है जान

10 सितंबर को विश्व आत्महत्या निषेध दिवस (World Suicide Prevention Day)  (वर्किंग टुगेदर टू प्रिवेंट सुसाइड) के अवसर पर आत्महत्या को रोकने के लिए महत्तवपूर्ण कदम उठाया गया है। विभिन्न संगठन जैसे कि चिकित्सा और परामर्श केंद्र, डॉक्टर और कुछ हेल्पलाइन के माध्यम से पूरे छत्तीसगढ़ में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा जैसे अन्य राज्यों ने भी आत्महत्या की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के व लोगों को परामर्श देने के लिए हेल्पलाइन 104  शुरू किया है।

पिछले कुछ वर्षों से अपडेट नहीं हैं आत्महत्या के मामले

प्रदेश में आत्महत्या के मामले किसी को भी चौकाते हैं। मगर इन आंकड़ों के अलावा एक आश्चर्यजनक तथ्य यह भी है कि पिछले 3-4 वर्षों (2015-16) से छत्तीसगढ़ सरकार ने NCRB और छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) विभाग की आधिकारिक साइट में आत्महत्याओं की संख्या अपडेट ही नहीं की गई है।

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