नई दिल्ली। अयोध्या राम जन्मभूमि मामले की लाइव स्ट्रीमिंग (Live streaming) करने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) 16 सितंबर को सुनवाई करेगा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के विचारक केएन गोविंदाचार्य ने अयोध्या मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग करने की मांग की है।

याचिका के अनुसार, यदि इनमें से कुछ भी नहीं किया जा सकता है, तो कम से कम कार्यवाही की प्रतिलिपि (Transcript) तैयार कराई जाए, जिसे बाद में ऑनलाइन जारी किया जा सके। इससे पहले 6 सितंबर को जस्टिस आर.एफ. नरीमन और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने चीफ जस्टिस गोगोई की अगुवाई वाली पीठ को यह मामला सौंप दिया। अयोध्या भूमि विवाद मामले की वर्तमान में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ द्वारा सुनवाई की जा रही है।

अपनी याचिका में, गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के सितंबर 2018 के फैसले का हवाला दिया कि देश में अदालती कार्यवाही का लाइव स्ट्रीम (Live streaming) किया जा सकता है। यह फैसला थिंक टैंक, सेंटर फॉर एकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज (सीएएससी) की ओर से दायर याचिका पर आया।

याचिका के अनुसार, लगभग एक साल बीतने के बावजूद शीर्ष अदालत के फैसले को लागू किया जाना बाकी है। जस्टिस नरीमन और जस्टिस सूर्यकांत ने गोविंदाचार्य के वकील को बताया कि लाइव स्ट्रीमिंग (Live streaming) के लिए वह जिस फैसले का हवाला दे रहे थे, उसमें संवेदनशील मामले शामिल नहीं थे। उन्होंने पाया कि अयोध्या विवाद संवेदनशील मामला है और याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या इसका लाइव स्ट्रीम हो सकता है।

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