बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक बुजुर्ग महिला सरकारी सिस्टम (Government system) में मर चुकी है, लेकिन असल में वह जिंदा है। अधिकारियों (officers) की लापरवाही ने कागजों में उसकी मौत लिख दी है। दरअसल ये मामला बालोद जिले के दल्लीराजहरा नगर पालिका से जुड़ा हुआ है। यहां के वार्ड क्रमांक 20 की रहने वाली 65 वर्षीय बुधयारिन बाई को कागजों में मृत बताने की वजह से पिछले एक महीने से राशन नहीं मिल पा रहा है। सरकारी रिकॉर्ड में मृत होने की वजह से बुधयारिन बाई का राशन कार्ड तक निरस्त कर दिया गया है।

बुधयारिन अब हर रोज सरकारी अफसरों (Government officers) के दफ्तर जाकर फरियाद लगाकर अपनी परेशानी सुना रही है। यहां तक उन्होंने नगर पालिका अधिकारी को भी अपने जीवित होने की जानकारी दी। साथ ही अपने राशन कार्ड के नवीनीकरण के लिए आवेदन भी अधिकारी को दिया। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी इस गरीब महिला को कोई मदद नहीं मिल पाई है। बुजुर्ग महिला ने बताया कि अंत्योदय खाद्यान्न योजना के तहत गुलाबी रंग का राशनकार्ड उसे दिया गया था। जुलाई 2019 तक उन्हें राशन मिलता रहा।

बुधयारिन बाई ने पड़ोस में रहने वाले लोगों से मिली जानकारी के बाद पुराने राशन कार्डों के नवीनीकरण प्रक्रिया के तहत अपना आवेदन भरा था। मांगे गए सभी दस्तावेज (Document) भी आवेदन के साथ उपलब्ध कराए गए थे। इसके बावजूद उनके राशन कार्ड का नवीनीकरण नहीं हुआ। हद तो तब हो गयी जब बुधियारिन बाई को पता चला कि अफसरों ने रिकॉर्ड में उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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