रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के उद्योगों में कार्यरत ठेकेदारों को अब आसानी से न केवल लाईसेंस मिलेगा, बल्कि लाईसेंस का हर साल नवीनीकरण कराने से मुक्ति भी मिलेगी। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) की पहल पर ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के तहत श्रम विभाग द्वारा विभागीय प्रक्रियाओं की जटिलता को समाप्त करते हुए लाईसेंस प्राप्त करने और उसके नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है।

इस पहल के बाद अब प्रमुख नियोजको और ठेकेदारों को कार्यालय में जाकर आवेदन नही देना पड़ेगा बल्कि वे अपने संस्थान से ही ऑनलाईन आवेदन कर आवश्यक फीस, प्रतिभूति राशि ई-भुगतान के माध्यम से कर सकेंगे। ठेकेदारों एवं नियोजकों को पंजीयन प्रमाण-पत्र और लाइसेंस ऑनलाईन ही प्राप्त हो जाएगा।

ठेकेदारों को नहीं काटने पड़ेंगे कार्यालय के चक्कर

इस नई व्यवस्था के लिए श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया (Labor Minister Dr. Shiv Kumar Dahria) के मार्गनिर्देशन पर संविदा श्रमिक (विनियमन और उत्पादन) अधिनियम 1970 के तहत निर्मित संविदा श्रमिक (विनियमन और उत्पादन) छत्तीसगढ़ नियम 1973 में आवश्यक संशोधन करते हुए प्रारूप का प्रकाशन राजपत्र में कर दिया गया है और इस संबंध में 30 दिवस के भीतर सुझाव आमंत्रित किए गए है। अब इस नई व्यवस्था से ठेकेदारों को न केवल लाईसेंस लेने में आसानी होगी बल्कि उन्हें अब लाइसेंस का हर साल नवीनीकरण कराने के लिए कार्यालयों का चक्कर नही लगाना पड़ेगा।

कामकाज में पारदर्शिता और सुगमता होगी: सुबोध कुमार सिंह

श्रम विभाग के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) ने बताया कि प्रदेश के उद्योंगो में कार्यरत सभी छोटे-बड़े ठेकेदारों को श्रम विभाग से प्रतिवर्ष संविदा श्रमिक (विनियमन और उत्पादन) अधिनियम के तहत लाईसेंस नवीनीकरण कराना अनिवार्य था, जिससे बड़ी संख्या में ठेकेदारों को हर साल एक दिसंबर के पहले लाईसेंस का नवीनीकरण कराने के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता था।

नए प्रारूप में अब प्रमुख नियोजक के द्वारा लिए जाने वाले पंजीयन और ठेकेदारों द्वारा लिए जाने वाले लाईसेंस लेने की संपूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाईन किया जाना प्रस्तावित किया गया है, जिससे कामकाज में पारदर्शिता और सुगमता होगी। उन्होंने बताया कि अभी तक अधिनियम के तहत लाईसेंस की वैधता 31 दिसंबर को समाप्त हो जाती थी, नवीन प्रस्तावित संशोधन के परिणामस्वरूप एक बार ठेका लाइसेंस लेने पर उसकी वैधता आवेदक द्वारा आवेदित अवधि तक के लिए मान्य रहेगी। इससे ठेकेदारों को लाइसेंस का नवीनीकरण की आवश्यकता नही होगी।

संविदा श्रमिक अधिनियम के तहत लाईसेंस लेना होगा आसान

प्रस्तावित संशोधन के अनुसार ठेकेदारों को आवेदित श्रमिक संख्या और अवधि के हिसाब से अनुज्ञप्ति शुल्क जमा करना होगा। पहले ठेकेदारों को एक लाइसेंस के लिए जमा की गई प्रतिभूति राशि का समायोजन ठेका समाप्त होने के पश्चात् दूसरे कार्य के लिए नए लाईसेंस में किए जाने का प्रावधान नही था, जिसमें संशोधन करते हुए अब उक्त प्रतिभूति राशि का ऑनलाईन समायोजन के प्रावधान प्रास्तावित किए गए है। इन नए नियमों के लागू हो जाने से संविदा श्रमिक अधिनियम के तहत लाईसेंस लेना आसान हो जाएगा। साथ ही लाइसेंस के नवीनीकरण की आवश्यकता नही होगी।