रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव आज गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा पहुंचकर किडनी की बीमारी से जूझ रहे ग्रामीणों से मिले। उन्होंने ग्रामीणों से रू-ब-रू चर्चा कर उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार सुपेबेड़ा के लोगों को इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। स्वास्थ्य मंत्री के साथ संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर के डायरेक्टर डॉ. नितिन नागरकर भी किडनी की बीमारी से प्रभावित ग्रामीणों से मिलने पहुंचे थे।

डायलिसिस सुविधा और डायलिसिस मशीन का उपयोग नहीं होने पर चिंता जाहिर की

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने स्थानीय निवासियों को रायपुर आकर एम्स में उपचार कराने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोग रायपुर एम्स इलाज कराने आ रहे हैं। वहां उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति लोगों का विश्वास बना है। स्वास्थ्य मंत्री ने सुपेबेड़ा के पीड़ित लोगों के लिए देवभोग में स्थापित डायलिसिस सुविधा और डायलिसिस मशीन का उपयोग नहीं होने पर चिंता जाहिर की।

उन्होंने वहां बेहतर सुविधाओं के लिए एक विशेषज्ञ चिकित्सक की सेवाएं उपलब्ध कराने की बात कही। मंत्री सिंहदेव ने कहा कि प्रभावित लोग उपचार के लिए सीधे सरकारी अस्पताल पहुंचे। रायपुर के डी.के.एस. अस्पताल में आप लोगों के इलाज की व्यवस्था के लिए आप लोगों के बीच से एक युवक को वहां नियुक्त किया गया है।

मंत्री सिंहदेव ने कहा कि गांव में हर सप्ताह दो बार मोबाइल मेडिकल यूनिट की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से अब तक यहां 200 से ज्यादा लोगों का उपचार किया जा चुका है। स्वास्थ्य मंत्री ने ग्रामीणों से चर्चा के दौरान भरोसा दिलाया कि बीमारी के संबंध में जांच रिपोर्ट की जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों ने सुपेबेड़ा की बीमारी को आनुवांशिक और जमीन के अन्दर पानी मे फ्लोराइड की मात्रा अधिक होना पाया है। उन्होंने लोगों से फ्लोराइडयुक्त पानी का उपयोग नहीं करने की अपील की। एम्स, रायपुर के डायरेक्टर डॉ. नितिन नागरकर ने किडनी पीड़ितों के इलाज के लिए एम्स में उपलब्ध सुविधाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

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