रायपुर। सरकारी व्यवस्थाओं की संवेदनहीनता को बयां करती है एक तस्वीर सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में आंखों में आंसू लिए एक पिता अपने मासूम बेटे के शव को कंधे पर लेकर अस्पताल के चक्कर काटता दिख रहा है। इंसानियत को झकझोर देने वाला ये मामला है उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद के जिला अस्पताल का। इस अस्पताल में मानवता को शर्मसार कर देने और सारी हदें पार करने वाली करतूत सामने आ गयी है।

तेज बुखार के बाद बेटे को अस्पताल में करवाया भर्ती

नीमगांव थाना क्षेत्र के ग्राम रमुआपुर के रहने वाले दिनेश चंद ने अपने चार साल के बेटे दिव्यांशु को बुखार के चलते जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान बुधवार को उसकी मौत हो गई। बच्चे की मौत की खबर मिलते ही पिता पर दुखों का पहाड़ टूट गया।

मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए बेटे के शव को लेकर भटकना पड़ा

जब बेटे के शव को ले जाने की बारी आई तो उसे बताया गया कि मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाना होगा। बिना मृत्यु प्रमाणपत्र के अस्पताल से छुट्टी नहीं मिलेगी। इसपर दिनेश परेशान हो गया। बेटे के गम ने उसे पहले ही तोड़ दिया था और अब अस्पताल के फरमान के कारण उसे कुछ सूझ नहीं रहा था। वह कभी एक काउंटर पर जाता तो उसे दूसरे काउंटर पर भेज दिया जाता।

अस्पताल प्रबंधन ने नहीं दिखाई इंसानियत

आंखों में आंसू और कंधे पर बेटे का शव लादे दिनेश को देखकर इंसानियत जार-जार रो रही थी। अस्पताल के फरमान चलते दिनेश बेटे का शव कंधे पर लिये कभी अस्पताल के इस काउंटर पर जाता तो कभी उस काउंटर पर। चक्कर लगाते-लगाते जब वह पस्त हो गया तो उसके बहुत देर बाद जिला अस्पताल में उसके बेटे का मृत्य प्रमाणपत्र जारी हो पाया। इतनी मुश्किलों के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र बनने के बाद वह अपने बेटे की लाश घर ले जा पाया।

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