नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वालों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। बता दें कि इस मामले में 50 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। ये एफआईआर मुजफ्फरपुर बिहार में दर्ज कराई गई है।

हर क्षेत्र के दिग्गज है शामिल

मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) पर पत्र लिखने वाले इन हस्तियों में मणिरत्नम (Maniratnam), अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap), अपर्णा सेन (Aparna Sen), कोंकणा सेन शर्मा (Konkana Sen), शुभा मुद्गल (Shubha Mudgal), बोनानी कक्कर (Bonani Kakkar), जोया मित्रा (Zoya Mitra) और अदूर गोपाल कृष्णन के साथ ही रामचंद्र गुहा (Ramchandra Guha), सुमित सरकार जैसे नाम शामिल है। समेत 50 लोग हैं शामिल हैं। जिनके खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। सरकार ने पत्र में लिखे गए आरोपों को नकार दिया था।

क्या लिखा था पत्र में

जुलाई माह में पीएम मोदी को लिखे गए इस खुले खत में उन्होंने एक ऐसा माहौल बनाने की मांग की थी, जहां असहमति को कुचला नहीं जाए। इन हस्तियों ने कहा था कि असहमति देश को और ताकतवर बनाती है। इस पत्र में लिखा है कि हमारा संविधान भारत को एक सेकुलर गणतंत्र बताता है, जहां हर धर्म, समूह, लिंग, जाति के लोगों के बराबर अधिकार हैं।

राजद्रोह के लगे है आरोप

स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा (Sudhir Kumar Ojha) की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई है। मामले में ओझा ने कहा कि सीजेएम ने 20 अगस्त को उनकी याचिका को स्वीकार कर ली थी। इसके बाद गुरुवार (03 अक्टूबर) को सदर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज हुई है।

ओझा का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को कथित तौर पर धूमिल किया। इसमें राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं। बता दें कि देश में बढ़ रहे मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) के मामलों पर इन लोगों ने चिंता जाहिर की है। पुलिस ने यह जानकारी दी। इसके लिए इन लोगों ने पीएम को पत्र लिख देश की हालात से अवगत कराया। एफआईआर दर्ज कराने की घटना गुरुवार (03 अक्टूबर) की है।

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