मुंबई। मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जताने वाली 49 हस्तियों के खिलाफ केस दर्ज होने के विरोध में 180 नामचीन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिनेता नसीरूद्दीन शाह (Actor naseeruddin shah) और इतिहासकार रोमिला थापर समेत 180 प्रसिद्ध व्यक्तियों ने पत्र लिखकर कहा कि प्रधानमंत्री (Prime minister) को पत्र लिखने भर से देशद्रोह का मामला कैसे बन सकता है? पत्र में सभी व्यक्तियों ने कहा कि वे लोगों की आवाज को दबाने के खिलाफ लगातार बोलते रहेंगे।

सोमवार को जारी इस पत्र में कहा गया, “हमारे 49 साथियों के खिलाफ पुलिस में केवल इसलिए मामला दर्ज किया गया क्योंकि उन्होंने देश में मॉब लिंचिंग पर चिंता जताकर नागरिक के कर्तव्य पूरा किया था। क्या नागरिकों की आवाज को बंद कराना, अदालतों का दुरुपयोग करना ‘उत्पीड़न’ नहीं है?” 180 हस्तियो में लेखक अशोक वाजपेयी, जैरी पिंटो और शम्सुल इस्लाम, शिक्षाविद इरा भास्कर, कवि जीत थायिल, संगीतकार टीएम कृष्णा और फिल्मकार सबा देवान शामिल हैं।

मॉब लिंचिंग को लेकर हम रोज बात करेंगे: सेलिब्रिटी

पत्र में कहा गया है, “हम सभी, भारत के सांस्कृतिक समुदाय के सदस्यों और एक नागरिक के रूप में इस तरह के उत्पीड़न की निंदा करते हैं। हम अपने साथियों द्वारा मोदी को लिखे पत्र के प्रत्येक शब्द का समर्थन करते हैं। इसलिए हमने उनके पत्र को साझा किया। सांस्कृतिक, शैक्षणिक और कानूनी समुदायों से जुड़े लोगों से भी ऐसा करने की अपील करते हैं। मॉब लिंचिंग और लोगों की आवाज को दबाने के खिलाफ हम रोज बात करेंगे।”

बिहार के मुजफ्फरपुर में 49 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था

लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को लेकर मोदी को खुला पत्र लिखने वाले 49 नामी लोगों के खिलाफ 3 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर में केस दर्ज किया गया था। इसमें रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम और अपर्णा सेन समेत कई हस्तियों के नाम शामिल हैं। स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से 2 महीने पहले दायर याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्यकांत तिवारी के आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया था।

2014 के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले के 90% मामले दर्ज

पत्र में प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा गया था, ‘‘मई 2014 के बाद से जबसे आपकी सरकार सत्ता में आई, तब से अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ हमले के 90% मामले दर्ज हुए। आप संसद में मॉब लिंचिंग की घटनाओं की निंदा कर देते हैं, जो पर्याप्त नहीं है। सवाल यह है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?’’

49 हस्तियों के पत्र के जवाब में 62 हस्तियों ने खुला खत लिखा था

49 हस्तियों के पत्र के जवाब में कंगना रनौत, प्रसून जोशी, समेत 62 हस्तियों ने खुला खत लिखा था। उनका कहना था कि कुछ लोग चुनिंदा तरीके से सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हैं। इसका मकसद सिर्फ लोकतांत्रिक मूल्यों को बदनाम करना है। उन्होंने पूछा कि जब नक्सली वंचितों को निशाना बनाते हैं तब वे क्यों चुप रहते हैं?

 

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