दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा (Dantewada) जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों (Innocent tribals) की रिहाई के लिए हजारों

आदिवासियों ने नकुलनार खेल ग्राउंड (Nakulanar Sports Ground) में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी

आदिवासियों ने सरकार पर चुनावी वादों से मुकरने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि चुनाव से

पहले सरकार ने वादा किया था कि निर्दोष आदिवासियों को छोड़ दिया जाएगा लेकिन वो अभी तक नहीं छूटे हैं।

 

दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा-पालनार इलाके में सुकमा, बीजापुर के दूरदराज से आए आदिवासी पिछले तीन

दिनों से डटे हुए हैं। आदिवासियों के इस आंदोलन में आप नेत्री और समाजसेवी सोनी सोढ़ी को बुलाया गया

था।आंदोलन शुरू होने से पहले पुलिस ने 5 अक्टूबर को सोनी सोढ़ी को उनके गीदम स्थित घर से गिरफ्तार

कर लिया था।

ये है आंदोलन की वजह

बस्तर की जेलों में नक्सल मामलों में सैकड़ों ऐसे आदिवासी बंद हैं, जिन्हें जबरन फंसाने का आरोप पुलिस

पर लगता रहा है। सुकमा कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के नक्सल अपहरण के दौरान 2011 में सरकार ने

ऐसे आदिवासियों के मामलों की समीक्षा के लिए एमपी की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच की अध्यक्षता में

एक हाईपॉवर कमेटी गठित की थी, लेकिन महज एक बैठक छोड़कर कमेटी ने कुछ नहीं किया।

कांग्रेस ने ही उछाला था आदिवासियों के रिहाई का मुद्दा

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में निर्दोष आदिवासियों की रिहाई के मुद्दे को जोरशोर से

उछाला था। आदिवासियों का आरोप है कि सरकार अपना वादा तो पूरा नहीं कर रही है। उल्टे और लोगों

को पकड़कर जेल में डाल रही है।

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