रायपुर। प्रदेश में भी नगरीय निकाय चुनाव (Urban body elections in Chhattisgarh) के दौरान महापौर (Mayor) व अध्यक्ष के प्रत्यक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया बदल सकती है। इसके लिए सरकार ने कैबिनेट की उपसमिति का गठन किया है। इस समिति में संसदीय कार्य मंत्री रवीन्द्र चौबे (Ravindra Choubey), वन मंत्री मोहम्मद अकबर (M Akbar) व नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया (Shiv Dahariya) को शामिल किया गया है। कमेटी 15 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देगी।

मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भी मध्यप्रदेश की तर्ज पर महापौर अथवा अध्यक्ष के सीधे निर्वाचन को बंद किया जा सकता है। सरकार ने इस मामले में चर्चा कर लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महापौर अथवा अध्यक्ष के सीधे निर्वाचन को बंद करने का संकेत दे चुके हैं।

1994 में होता था अप्रत्यक्ष चुनाव

अविभाजित मध्यप्रदेश में 1994 में महापौर-अध्यक्षों का निर्वाचन पार्षदों के जरिए होता था। जिसके बाद व्यवस्था बदली और फिर 1999 में महापौर और अध्यक्ष का सीधे चुनाव होने लगा। महापौर और अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वार्डों का भी आरक्षण हो चुका है। मुख्यमंत्री पहले कह चुके है कि प्रक्रिया में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन मध्यप्रदेश में चुनाव प्रक्रिया में बदलाव के बाद यहां भी होने संभावना जताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार कैबिनेट की आगामी बैठक में इसे लेकर कोई महत्तवपूर्ण फैसला लिया जा सकता है।

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