नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को चूना लगाकर विदेश भागने वाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने पंजाब ऐंड सिंध बैंक (PSB) के साथ भी लगभग 44.1 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है। बैंक ने शनिवार को इसका खुलासा किया। यह पहली बार है जब 111 साल पुराने बैंक ने चोकसी के डिफॉल्ट के बारे में खुलकर जानकारी दी है।

पीएसबी ने चोकसी को ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित करने के लिए नोटिस जारी किया है, बैंक ने उसके खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी है। बैंक ने कहा है कि चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने उससे लोन लिया था। चोकसी उस कंपनी में निदेशक के साथ-साथ गारंटर भी है। जब चोकसी ने लोन अमाउंट नहीं चुकाया तो 31 मार्च, 2018 को पीएसी ने उसे एनपीए में डाल दिया। बैंक को फरवरी में मालूम चला कि चोकसी और उसका परिवार देश से भाग गया है।

पीएसबी ने चोकसी को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया

बैंक ने चोकसी से कहा था कि वह लोन अमाउंट, ब्याज और अन्य शुल्कों का 23 अक्टूबर, 2018 को भुगतान कर दे। लेकिन जब चोकसी द्वारा ऐसा नहीं किया गया तो 17 सितंबर, 2019 को पीएसबी ने चोकसी को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया। इसके साथ ही चोकसी बैंक के उन 27 अन्य डिफॉल्टरों की लिस्ट में शामिल हो गया है जिन्होंने बैंक को चूना लगाया है। ये सभी मुख्य रूप से नई दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ के हैं, उनमें से एक लखनऊ, दो चेन्नई से हैं, इन सब के खिलाफ रिकवरी सूट फाइल की गई है।

सीबीआई ने मुंबई की एक अदालत से पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी को भगोड़ा घोषित करने का आग्रह किया है। एजेंसी के मुताबिक, वह गैर जमानती वारंट का जवाब नहीं दे पाया है।

विशेष न्यायाधीश को आवेदन देकर एजेंसी ने कहा कि मामले में पहली प्राथमिकी दर्ज होने से पहले ही चोकसी खुद को छिपाने के लिए देश छोड़कर भाग गया। एजेंसी के मुताबिक, चोकसी ने अदालत की तरफ से जारी वारंट से बचने के लिए एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है।

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