रायपुर। कौन कहता है गुजरा वक्त नहीं आता। यदि हम कहें कि आप वर्ष 2019 में नहीं 1895 के दौर में जी रहे हैं तो यह गलत नहीं होगा। इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है। कई घटनाएं भी ऐसी होती हैं, जो याद दिलाती हैं कि इतिहास में भी बिल्कुल ऐसा ही हो चुका है। इसी तरह कैलेंडर (Calendar) भी खुद को दोहराता है।

जी हां, ऊपर की पंक्तियों में आपने बिल्कुल सही पढ़ा… कैलेंडर भी खुद को दोहराता है। वैसे तो हर हफ्ते सोमवार से रविवार तक दिन, हर महीने एक से 31 तक तारीखें और हर साल जनवरी से दिसंबर तक महीने दोहराते हैं। अगर किन्हीं दो वर्षों के कैलेंडर में दिन, तारीख और महीने बिल्कुल एक जैसे दिखें तो इसे क्या कहेंगे। जुडवां कैलेंडर या डुप्लीकेट कैलेंडर (Twin calendar or duplicate calendar)…

जी हां यकीन न हो तो 2019 का कैलेंडर (Calendar 2019) उठा कर देखें और 1895 का कैलेंडर (Calendar 2019) भी चेक कर लें। आप लाख चाहेंगे तो भी किसी तरह का कोई अंतर नहीं खोज पाएंगे। दोनों साल के कैलेंडर में साल की शुरूआत मंगलवार से है और साल का अंत भी मंगलवार को है। साल 2019 के साथ इतनी समानता के चलते साल 1895 का यह कैलेंडर वायरल भी खूब रहे हैं।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।