नई दिल्ली/रायपुर। कहते है कि नेचर के आगे सभी वैज्ञानिक शोध और मेडिकल साइंस की कोई बकत नहीं है, और ये सच भी है। आज हम आपको बताते जा रहे हैं ऐसी ही एक घटना के बारे में, जिसे देखकर पीलीभीत जिला अस्पताल के डॉक्टर समेत लेबर रूम में स्टाफ हतप्रभ रह गए। दरअसल उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिला महिला अस्पताल में एक महिला ने प्रसव के दौरान प्लास्टिक जैसे बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के बाद ऐसे बच्चे को देखकर डॉक्टर समेत लेबर रूम में स्टाफ हतप्रभ रह गया। डॉक्टर ने कोलायड बेबी होना मानकर उसकी हालत को देखकर लखनऊ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। डॉक्टर के अनुसार, बच्चा प्लास्टिक की तरह था और उसकी नसें फट रही थीं, जो सांस लेने मात्र से चटक रही थी।
जो खबरें सामने आई हैं उसके मुबाबिक जहानाबाद थाना क्षेत्र के गांव गौनेरी के रहने वाले सूरजपाल की पत्नी मीना देवी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन सीएचसी ले गए। हालत नाजुक होने पर जच्चा को जिला महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। चेकअप करने पर सब ठीक मिला। बीते दिन सुबह करीब साढ़े पांच बजे महिला को सामान्य तरीके से प्रसव हुआ। नवजात को देख स्टाफ हैरान हो गए। वह साधारण बच्चों की तरह नहीं था, बल्कि प्लास्टिक की तरह दिख रहा था।

डॉक्टर मान रहे थेे कोलायड बेबी

इस पर स्टाफ ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप सिंह को सूचना दी। डॉक्टर ने मौके पर जाकर बच्चे को देखा और उसे एसएनसीयू में भर्ती करा दिया। नवजात में सामान्य बच्चे की तरह कोई लक्षण नहीं थे। बच्चे को कोलायड बेबी मानते हुए परिजनों को बुलाकर उसे लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इस तरह का बच्चा महिला अस्पताल में पहली बार हुआ है जो कौतूहल का विषय बना हुआ है।

जींस में गड़बड़ी होने और अनुवांशिक लक्षणों के होने से होता है ऐसे बच्चों का जन्म

डॉक्टर की माने तो जींस में गड़बड़ी होने और अनुवांशिक लक्षणों के होने से ऐसे बच्चों का जन्म होता है। ऐसे बच्चों का कहीं भी इलाज संभव नहीं होता है। खानपान में कमी और प्लास्टिक का अंश शरीर में जाना इसका कारण नहीं होता है। माता-पिता में किसी प्रकार की कमी से भी ऐसा होता है। इसके लिए दोनों को अपनी जांच करानी चाहिए।

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