टीआरपी की खबर का असर, नींद से जागा छत्तीसगढ़ संवाद… अब पांच में से दो कंपनियां ही सोशल मीडिया में निखारेंगी छत्तीसगढ़ की तस्वीर
रायपुर। आखिरकार टीआरपी के लगातार प्रयास ने छत्तीसगढ़ संवाद (Chhattisgarh Samvad) की आंखें खोल दी। इवेंट, फैशन शो, डांस, ड्रामा, सिलाई-बुनाई और इवेंट कराने वाली कंपनियों के बजाय दो ही कंपनियों को अंदर किया है। हालांकि सोशल मीडिया (Social Media) में अब भी इन कंपनियों की तस्वीर धुंधली ही दिखाई दे रही है।

ये कंपनियां हुईं अंदर
- मेसर्स क्वांटम वर्टो
- मेसर्स माहेश्वरी पब्लीसिटी सर्विस
टीआरपी ने उठाया था मुद्दा
टीआरपी ने इस मसले 22 अगस्त को सिलाई-बुनाई और इवेंट कराने वाली कंपनी निखारेगी सोशल मीडिया में छत्तीसगढ़ सरकार की तस्वीर! के शीर्षक से प्रमुखता के साथ उठाया था। दरअसल छत्तीसगढ़ संवाद ने ऐसी कंपनियां जो सोशल मीडिया में मौजूद नहीं हैं या नाम के लिए हैं ऐसी कंपनियां को छत्तीसगढ़ सरकार ने सोशल मीडिया संभालने की जिम्मेदारी देने की तैयारी कर ली थी।
अगस्त माह में हुए थे कौशल परीक्षण
छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग (Chhattisgarh Directorate of Public Relations) द्वारा अगस्त माह में संवाद में इंपैनेलमेंट हेतु कौशल परीक्षण का आयोजन किया गया था। जिसमें करीब 38 कंपनियों ने हिस्सा लिया। जिनमें मात्र 5 कंपनियों को ही इंपैनेलमेंट के लिए चुना गया था। चुनी गई कंपनियों में से कुछ कंपनियां ऐसी भी थीं जिनका सोशल मीडिया में कोई अता-पता ही नहीं है। हैरत की बात यह है कि एक कंपनी ऐसी भी है जो महज इवेंट का काम देख रही है। साथ ही बुटिक का संचालन भी कंपनी के ओनर द्वारा किया जाता था। जिन्हें संवाद ने इंपैनल्ड करने की तैयारी कर ली थी।
हालांकि अब भी खास नहीं सोशल मीडिया में प्रेसेंस
एम/एस क्वांटम वर्टो कंपनी
ट्विटर में नहीं है। वहीं फेसबुक में इसका पेज 23 जनवरी 2019 को बनाया गया है। इस पेज पिछले 10 माह में मात्र 16 लाईक्स मिले है। इतना ही नहीं यह पेज सोशल मीडिया में एक्टिव भी नहीं है।
एम/एस माहेश्वरी पब्लीसिटी सर्विस
यह कंपनी फेसबुक पर 2011 से एक्टिव है। मगर 8 सालों में 1057 फॉलोवर्स व 1186 लाइक्स अपने पेज के लिए जुटा सकी है। ट्विटर पर कंपनी के नाम से हैंडल तो है लेकिन 2015 से एक्टिव नहीं है।
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