मृण्मय बरोई/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह इन दिनों चित्रकोट उपचुनाव (Chitrakote By Election) को लेकर बस्तर (Bastar) प्रवास पर हैं। उन्होंने प्रेस वार्ता लेते हुए पत्रकारों से कहा कि 10 महीने की कांग्रेस (Congress) सरकार सीधे चुनाव कराकर जनता के सामने जाने से घबरा रही है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार लगातार जनता से दूर जाती नजर आ रही है।

खरीद फरोख्त की हो रही राजनीति

उन्होंने उदाहरण के तौर पर नगरी निकाय चुनाव में महापौर को पार्षदों द्वारा चुने जाने को लेकर भूपेश सरकार (CM Bhupesh Baghel) के ऊपर तंज कसते हुए कहा कि पूर्व सरकारों में जनता स्वयं ही अपना महापौर चुनती थी। परंतु भूपेश सरकार ने षड्यंत्र पूर्वक जनता का अधिकार छीनने का प्रयास किया है। भूपेश सरकार सीधे-सीधे पार्षदों की खरीद फरोख्त और दबाव की राजनीति करना चाहती है।

बस्तर की खुशहाली की बात कर रहा हूं

टीआरपी संवाददाता मृण्मय बरोई द्वारा प्रश्न किया गया कि चित्रकूट उपचुनाव में दोनों ही राष्ट्रीय दलों भाजपा और कांग्रेस द्वारा सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति की जा रही है। जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि मैं चित्रकोट उपचुनाव में प्रचार के दौरान डेवलपमेंट की बात कर रहा हूं। मैं बस्तर के विकास की बात करता हूं। मैं बस्तर की खुशहाली की बात कर रहा हूं। मैं बस्तर में शांति की बात कर रहा हूं। नक्सलवाद समाप्त हो सार्वजनिक रूप आज से नहीं 20 साल से बात कर रहा हूं जब तक राजनीति में हूं करता रहूंगा। मेरा जुड़ाव बस्तर से है, मैंने बस्तर को करीब से देखा है, गांव-गांव तक जाकर देखा है।

सरकार को ताश की गड्डी के तरह फेटा जा रहा है

डॉ रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) करें जाने पर एस.पी. का ट्रांसफर कर दिया जाता है। जबकि हमारी सरकार ने यह तय किया था कि बस्तर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। जहां प्रदेश का सबसे सक्षम अधिकारी होंगे, एस.पी. और कलेक्टर बेहतर होंगे। इसके बावजूद भूपेश सरकार द्वारा शुद्ध राजनीतिकरण से प्रेरित होकर अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया जाता है।

छत्तीसगढ़ में चल रहा है ट्रांसफर उद्योग

ट्रांसफर के अलावा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में और कोई उद्योग बाकी नहीं रहा सिर्फ ट्रांसफर उद्योग चल रहा है। उन्होंने भूपेश सरकार के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि बस्तर में 10 महीने की सरकार ने एक भी नया काम नहीं किया है। पंचायत स्तर में सारे काम रुके हुए हैं। यहां तक कि सरकारी कर्मचारियों को अपनी सैलरी के लिए 4 से 5 महीना तक इंतजार करना पड़ रहा है। इस सरकार का सर्वर डाउन हो गया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सरकार में आने से पहले बड़े दावे किए थे। परंतु हमारी सरकार ने जो सारे कार्य चालू किए थे उन्हीं का नाम बदलकर अपनी योजना बता रहे हैं। चावल की योजना भाजपा की सरकार ने चालू की थी इस योजना पर वाहवाही लूट रहे हैं। राशन के कार्ड में अपना फोटो चिपका कर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। एक तरह से पुरानी योजनाओं को अपना-अपना बता रहे हैं।

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