कांकेर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कांकेर जिले में मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक खबर निकलकर सामने आ रही है. राज्य में अन्धविश्वास इस कदर बढ़ता जा रहा है कि लोग शव तक को कन्धा देने से कतराने लगे हैं. कुछ ऐसी ही अंधविश्वास की दास्तान कांकेर के तुमसनार गांव में उस वक्त देखने को मिली जब अन्धविश्वास के कारण पुरुषों ने प्रसूता का शव दफनाने से इंकार कर दिया। यही नहीं, उन्होंने शव को कंधा भी नहीं दिया।

प्रसूता के शव को शादीशुदा पुरुष हाथ भी नहीं लगाते

इसके बाद महिलाओं ने ही अंतिम यात्रा निकाली और शव गांव के बाहर जंगल में दफनाया। इस गांव में ऐसा अंधविश्वास फैला है कि किसी प्रसूता का शव गांव में दफनाने से वह भूत-प्रेत बन जाती है। प्रसूता के शव को शादीशुदा पुरुष हाथ भी नहीं लगाते। तुमसनार की सुकमोतीन कांगे (32) ने राजस्थान के पंकज चौधरी (30) से 2016 में शादी की थी।

जन्म के आधे घंटे बाद बच्चे की मौत फिर सदमे में मां ने तोडा दम

मिली जानकारी के मुताबिक सुकमोतीन मां बनने वाली थी, उसे प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया। 15 अक्टूबर की रात 2.30 बजे उसने बच्चे को जन्म दिया, शिशु की आधे घंटे बाद ही मौत हो गई। सुकमोतीन को जब इस बारे में पता लगा तो सदमे से उसने भी दम तोड़ दिया। 16 अक्टूबर को जच्चा-बच्चा का शव गांव पहुंचा तो अंतिम संस्कार के लिए कोई पुरुष सामने नहीं आया।

बताया जा रह है कि मृतका एनजीओ से जुड़ी थी। इसी सिलसिले में वह कुछ समय के लिए जशपुर और राजस्थान गई थी। राजस्थान में पंकज चौधरी नामक युवक से उसकी दोस्ती हो गई और विवाह कर लिया। वर्तमान में दोनों साथ ही गांव में रहते थे।

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