रायपुर। ट्रेजरी का सर्वर बीते 24 घंटे से डाउन (Server Down) है। जिसकी वजह से दीपावली (Dipawali) के

पहले कर्मचारियों को वेतन देने के सरकार के फैसला पर ग्रहण लग सकता है। और प्रदेश के लाखों कर्मचारियों

(Employee) की दीवाली फीकी हो सकती है। ये पहला मौका नहीं है कि ट्रेजरी का सर्वर डाउन हुआ हो इसके

पहले भी एनआईसी द्वारा अलग अलग विभागों के सर्वर डाउन होते रहे है जिससे शासकीय (Govt) कार्य बाधित

होता रहा है।

 

सर्वर डाउन है

कर्मचारी नेता विजय झा ने बताया कि मंगलवार से सर्वर डाउन है। और बिल का भुगतान नहीं हो रहा है। राजधानी

का ये हाल है तो बस्तर में क्या स्थिति होगी अंदाजा लगाया जा सकता है। बस्तर हां से लगातार कर्मचारी फ़ोन कर

रहे हैं कि काम बंद है. उन्होंने बताया कि यहां जो सर्वर चलता है, इसका कंट्रोल मंत्रालय से होता है. उन्होंने ट्रैजरी

(Treasury) और इस विभाग से जुड़े तमाम बड़े अधिकारियों से अपील की कि जल्द से जल्द सर्वर को ठीक किया

जाए, जिससे सभी कर्मचारियों का भुगतान हो सके उनकी भी दिवाली अच्छे से मन सके।

 

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घोषणा के अनुरूप सातवें वेतनमान के एरियर और इस महीने का भुगतान होना

था, लेकिन सर्वर डाउन होने के कारण बिल पेंडिंग  (Bill pending) है, भुगतान नहीं हो रहा है. अब ऐसा

लगता है कि वे इस बार कर्मचारियों की दीवाली भी फीकी रहेगी, क्योंकि सभी को दिवाली में पैसों की ज़रूरत

होती है. सर्वर के अलावा ट्रेजरी में और कोई दूसरा विकल्प नहीं है जिससे बिल पास किया जा सके.

 

नहीं कर पाए एडमिट कार्ड डाउनलोड

गौरतलब है कि पीईटी (PET) परीक्षा के पहले व्यापम का सर्वर डाउन होने से हजारों छात्रों का एडमिट कार्ड

डाउनलोड नहीं हो सका था जिसकी वजह से व्यापम की परीक्षा पोस्टपोन करनी पड़ी थी। उसके बाद रजिस्ट्री

कार्यालय का सर्वर डाउन हुआ था जिससे रजिस्ट्री का कार्य प्रभावित हुआ था जिसपर मुख्यमंत्री ने खेद व्यक्त

किया था और यहां तक सरकार में बैठे लोगों के ब्यान आये थे कि पूर्व सरकार के अधिकारी सर्वर डाउन करवा

रहे है जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सर्वर डाउन होने के

पीछे एनआईसी के अधिकारी जिम्मेदार है क्योंकि प्रदेश के अलग अलग विभागों को एनआईसी सर्वर उपलब्ध

कराता है।

छत्तीसगढ़ में शेडो सर्वर की नहीं है सुविधा

छत्तीसगढ़ में एनआईसी (NIC) के पास सर्वर है और दूसरा कोई विकल्प नहीं है। अगर सर्वर फेल होता है तो

पूरा कार्य ठप पड़ जाता है जबकि सर्वर के साथ ही नई टेक्ऩॉलॉजी के क्लाउड की सुविधा भी आ चुकी है

जिसे कम खर्च में सरकार उपयोग कर सकती है। और बार बार सर्वर डाउन की समस्या से निजात पा सकती है

लेकिन एनआईसी के अधिकारियों की मनमानी की वजह से सस्ती और बेहतर सुविधा की तरफ कोई कारगर

कमद नहीं उठाया जा रहा है जबकि दूसरे राज्यों ने शेडो सर्वर स्थापित किये है अगल उनका मेन सर्वर फेल

होता है तो शेडो सर्वर से सरकारी सुविधाओं को संचालित किया जा सकता है।

 

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