रायपुर।  दंतेवाड़ा के पूर्व कलेक्टर भाजपा नेता ओपी चौधरी की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है।

कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पूर्व आईएएस की छवि को लगातार बट्टा लग रहा है। और ताजा मामला

ओपी चौधरी के खिलाफ एक और जांच (Investigation) के आदेश का है। राज्यपाल ने दंतेवाड़ा में एजुकेशन सिटी

की जमीन मामले में फिर से जांच के आदेश दिये है। राज्यपाल के सिकरेट्री सोनमणि बोरा ने राज्यपाल के हवाले से

चीफ सिकरेट्री को पत्र लिख मामले की पूर्ण जांच करने कहा है।

 

गौरतलब है कि दंतेवाड़ा के जांगला में वर्ष 2010-11 में तत्कालीन कलेक्टर ओपी चौधरी के समय में एज्युकेश

सिटी बनाई गई थी। जिसपर ग्रामीणों ने राज्यपाल अनूसुईया उईके से शिकायत की थी। जिसपर राज्यपाल ने

राज्य सरकार को मामले की संपूर्ण जाँच करने और ग्रामीणों को राहत मुआवज़ा शीघ्र प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं।

 

ग्रामीणों ने राज्यपाल अनुसूईया उईके से मुलाक़ात कर शिकायत की थी कि, एजूकेशन सिटी के लिए इस

आश्वासन के साथ ज़मीन ली गई कि, उनके प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी, बच्चों को मुफ़्त शिक्षा

अन्य भुमि पट्टा दिया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

 

ज्ञातव्य है, ओपी चौधरी के खिलाफ इसी मामले में एडिशनल चीफ सिकरेट्री सीके खेतान भी जांच कर रहे थे।

इस पर बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur Highcourt) ने स्थगन दिया है। उधर, ओपी चौधरी का कहना है,

मैंने हमेशा छत्तीसगढ़ के हित के लिए काम किया है। दंतेवाड़ा का एजुकेशन सिटी देश के लिए एक मॉडल है।

इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (PM Manmohan singh) के हाथों मुझे प्राइम मिनिस्टर अवार्ड मिल चुका है।

 

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