मृण्मय बरोई/ जगदलपुर। आठ साल पहले सुकमा जिले में हुए बहुचर्चित ताड़मेटला आगजनी कांड (Tadmetla Case) की जांच कर रहे टीएमटीडी घटना विशेष न्यायिक जांच आयोग की शुक्रवार को सुनवाई बैठक हुई। जिसमें ताड़मेटला और तिमारपुराम गांव के 30 लोगों के बयान दर्ज किए गए। तिमारपुराम, मोरपल्ली, ताड़मेटला गांव के लोगों ने आरोप लगाया था ककि पुलिस ने वर्ष 2011 में 300 घरों को आग के हवाले कर दिया था।

ताड़मेटला आगजनी कांड (Tadmetla Case) पर जारी इस सुनवाई बैठक को आयोग की अंतिम सुनवाई माना जा रहा है क्योंकि आयोग के कार्यकाल में वृद्धि करने राज्य शासन ने 22 जुलाई 2019 को जारी आदेश में अंतिम समय वृद्धि बताते हुए 11 नवंबर तक की समय-सीमा तय की है।

आपको बता दें कि शुक्रवार और शनिवार की बैठक के बाद आयोग तय करेगा कि बचे हुए लोगों का बयान दर्ज करने आयोग के कार्यकाल में वृद्धि करने का अनुरोध पत्र राज्य शासन को भेजा जाना चाहिए या फिर जितने लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं, उसी के आधार पर आयोग अंतिम जांच रिपोर्ट तैयार करेगा।

अधिवक्ता संजय शुक्ला ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान व गांव छोड़कर भाग गए थे उस वक्त वो काफी छोटे थे परंतु नक्सली और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें पुलिस द्वारा हेलीकॉप्टर में अपने शहीद जवानों को ले जाते देखा गया है।

यह था ताड़मेटला कांड

वर्ष 2010 में 11 से 16 मार्च के बीच तिमारपुराम, मोरपल्ली और ताड़मेटला गांव में 300 वनवासियों के मकान जला दिए गए थे।

इस घटना के दस दिन बाद प्रभावित गांवों में जाने के लिए निकले स्वामी अग्निवेश के काफिले पर दोरनापाल में कथित रूप से सलवा जुडूम से जुड़े ग्रामीणों ने हमला कर दिया था।

तीन गांवों में आगजनी और अग्निवेश पर हमले की घटना को टीएमटीडी का नाम दिया गया।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।