टीआरपी डेस्क। भारत में एक इस्रायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से व्हाट्सऐप के जरिये कम से कम 24 नागरिकों की जासूसी किये जाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि भारत सरकार ने मीडिया में आई इन खबरों का संज्ञान लेते हुए व्हाट्सऐप से इस बारे में जवाब देने को कहा है। हम आपको बता रहे हैं कैसे जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस आपकी निजता पर डाका डाल रहा है और आपको खबर तक नहीं….जानिए पूरी प्रक्रिया

आपको बता दें कि पेगासस नाम का यह सॉफ्टवेयर काफी उन्नत किस्म का है। इसे फोन में प्रवेश करने के लिए किसी लिंक पर क्लिक करने की भी आवश्यकता नहीं होती और ये मिस्ड वीडियो कॉल से भी फोन में घुस सकता है। फोन के अंदर घुस जाने के बाद यह फोन कॉल, एसएमएस, व्हाट्सऐप संदेश, ईमेल, ब्राउजर हिस्ट्री, पासवर्ड जैसी हर जानकारी चुरा सकता है। यह इतना एडवांस है कि एन्क्रिप्टेड संदेश भी इससे बचे नहीं रहते और यह फोन के कैमरे और माइक को भी चला कर आस पास हो रही गतिविधियां रिकॉर्ड कर सकता है।

सारी जानकारी वाईफाई या मोबाइल इंटरनेट से कर सकता है लीक

सॉफ्टवेयर सारी जानकारी वाईफाई या मोबाइल इंटरनेट के जरिये फोन से बाहर भेज सकता है. यह फोन के अंदर अदृश्य रहता है, फोन को धीमा भी नहीं करता जिस से कोई शक हो और इसमें खुद को नष्ट करने का विकल्प भी होता है।

सिर्फ सरकारों को बेचती है ये एनएसओ

बताया जा रहा है कि एनएसओ ये सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकारों को बेचती है, जिससे यह आरोप लग रहे हैं कि इन 1400 लोगों की जासूसी अलग अलग देशों की सरकारों ने ही करवाई है।

हैकरों का काम ऐसे आसान करते हैं आप

आपको बता दें कि असुरक्षित और सार्वजनिक रूप से रखे हुए पासवर्ड आमतौर पर लोग पासवर्ड कुछ ऐसा बनाते है जिसका बहुत आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है, जैसे कि उनके पालतू जानवर का नाम या उनके घर की सड़क का नाम. अगर आपको पासवर्ड बनाना है तो उसमे एल्फाबेट, नम्बर और स्पेशल कैरेक्टर का सही मेल होना चाहिए।

आपको अपना पासवर्ड लगातार बदलते रहना चाहिए। बहुत से लोग सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि वे अपना पासवर्ड कहीं लिख कर रख देते। अगर आपभी ये गलतियां कर चुके हैं तो अभी भी आप सतर्क हो जाएं।

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