टीआरपी न्यूज/रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर राजधानी के साईंस कालेज के मैदान में आयोजित राज्योत्सव की विभागीय प्रदर्शनी ’कमार विलेज’ के सजीव चित्रण ने आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के पंडाल जीवंत बना दिया है।

यह पंडाल राज्योत्सव में प्रदर्शनी देखने के लिए आए लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

पारम्परिक रहन-सहन, रीति-रिवाज एवं परम्परा की झलक

विभागीय पंडाल में विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति कमार, बैगा, अबूझमाडि़या, पहाड़ी कोरबा, बिरहोर, पन्डो और भुजिया जाति के पारम्परिक रहन-सहन, रीति-रिवाज एवं परम्परा की झलक प्रदर्शित की गई है। इसमें कमार गांव भी आकर्षण का केन्द्र रहा है।

कमार गांव में खुमरी, बांस की टोकरी बनाने का जीवंत प्रदर्शन किया जा रहा है।

इसके अलावा उनके पारम्परिक वाद्य यंत्र, दैनिक उपयोग की वस्तुओं में अनाज, वस्त्र, खाना पकाने के लिए मिट्टी के बर्तन, सूपा आदि को भी प्रदर्शित किया गया है।

फ्लैगशिप योजनाओं की प्रस्तुति

पंडाल में विभाग द्वारा संचालित विभाग की फ्लैगशिप योजनाओं में युवा कैरियन निर्माण योजना और ट्रायबल यूथ हास्टल नई दिल्ली की जानकारी प्रदर्शित की गई है।

क्रीडा परिसर योजना के संबंध में बताया गया है कि प्रदेश में 19 क्रीडा परिसर संचालित किए जा रहे है जिसमें सौ सीटर के मान से 1900 सीट स्वीकृत है।

शालेय शिक्षा के साथ-एथलेक्टिक्स, हॉकी, फुटबाल, वॉलीबाल, हैंडबाल, तीरंदाजी, कबड्डी, खो-खो, जिम्नास्टिक आदि खेल विधाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है।

अब तक क्रीडा परिसर के खिलाडि़यों ने राष्ट्रीय स्तर पर 104 और राज्य स्तर पर 2 हजार 575 पदक, इस प्रकार कुल 2 हजार 679 पदक प्राप्त किए है।

इसी प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त निगम की संचालित योजना के तहत युवा बेरोजगारों को प्रशिक्षण के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण दिए जा रहे है। राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति के पांच और अनुसूचित जनजाति के 11 केन्द्र संचालित है।

आदिवासी लोककला और परम्परा को बढ़ावा देने और संरक्षित रखने के लिए देवगुड़ी निर्माण और मरम्मत के लिए शासन द्वारा एक लाख रूपए की राशि उपलब्ध कराने की जानकारी भी प्रदर्शित की गई है।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय,

मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना,

आर्यभट्ट विज्ञान-वाणिज्य शिक्षा प्रोत्साहन योजना,

आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान,

वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत अनुसूचित जनजातियों से प्राप्त आवेदन एवं वितरित वन अधिकार पत्रों की जानकारी को भी दर्शाया गया है।

विभाग द्वारा संचालित आश्रम-छात्रावास के संबंध में भी जानकारी दी गई है।

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