वाशिंगटन। कोरोनो वायरस महामारी से लड़ने के लिए अभी तक कोई दवा या वैक्सीन बाजार में नहीं आई है। इसके कारण, दुनिया भर में लाखों लोग चेहरे पर मास्क पहनकर सावधानी बरत रहे हैं। वे संक्रमित होने से खुद को बचा रहे हैं। मगर जिन फेस मास्क का उत्पादन किया जा रहा है, उन्हें कुछ समय बाद छोड़ देना होगा।

कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया की एक टीम ने एक हरे रंग का मास्क तैयार किया है, जिसे खाद बनाया जा सकता है और यह बायोडिग्रेडेबल है। कोरोना वायरस संकट में मास्क का उपयोग जमकर हो रहा है। इसे इस्तेमाल करने के बाद लोग कुछ दिनों बाद इसे फेंक देते हैं। इससे पर्यावरण में मास्क का कूड़ा तैयार हो रहा है। इससे प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा हरा है।

ब्रिटिश कोलंबिया की टीम ने यह पहला मेडिकल ग्रेड N95 मास्क बनाया गया है जो पूरी तरह से स्वदेशी है। जो अपनी सामाग्रियों से तैयार हुआ था। जोहान फोस्टर, विश्वविद्यालय के रासायनिक और जैविक इंजीनियरिंग विभाग ने ये मास्क तैयार किया है। यहां के एसोसिएट प्रोफेसर ने एक बयान में कहा, लाखों डिस्पोजेबल मास्क और दस्ताने पहले से ही शहर के फुटपाथों को प्रदूषित कर रहे हैं और संभावित रूप से हमारी नदियों और महासागरों में प्रवेश कर रहे हैं, हमें तत्काल आवश्यकता होगी हमारे पर्यावरण पर व्यापक प्रभाव डालने से बचने के लिए बायोडिग्रेडेबल विकल्प की।

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