नोटों की छपाई में धीरे-धीरे कटौती कर रही है सरकार

टीआरपी डेस्क। नोटबंदी को 8 नवंबर तीन साल हो गए। कालेधन पर लगाम लगाने के लिए आज से ठीक तीन साल पहले सरकार ने

रातों-रात 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने का ऐलान किया था।

अ​ब खबरें आ रही हैं कि 2000 के नोटों को बंद किया जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स में जो जानकारी सामने आई है उसके पीछे वजह बताई जा रही है कि इस नोट की मांग ज्यादा नहीं है

और इसे चलाने में लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

आपको बता दें कि पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने 2000 के नोटों को बंद करने का सुझाव सरकार को दिया है।

गर्ग का कहना है कि 2000 के नोटों का बड़ा हिस्सा चलन में नहीं है।

इनकी जमाखोरी हो रही है। गर्ग ने कहा है कि सिस्टम में काफी ज्यादा नकदी मौजूद है

इसलिए 2000 के नोट बंद करने से कोई परेशानी नहीं होगी।

72 पन्नों का दिया है सुझाव पत्र

पूर्व वित्त सचिव गर्ग ने कहा कि दुनियाभर में लोग डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ रहे हैं,

हालांकि भारत में भी लोग इसे अपना रहे हैं लेकिन अभी इसकी रफ्तार धीमी है।

गर्ग ने सरकार को 72 पन्नों का एक सुझाव भेजा है जिसमें उन्होंने कहा है कि बड़े कैश लेन-देन पर टैक्स या शुल्क लगाने,

डिजिटल पेमेंट को आसान बनाने जैसे कदमों से देश को कैशलेस बनाने में मदद मिलेगी।

इस साल नहीं हुई 2000 के नोटों की छपाई

इस वर्ष अब तक एक भी 2000 के नोटों की छपाई नहीं की गई है।

एक आरटीआई के जवाब में सरकार की ओर से बताया गया है कि

2000 रुपए के नोटों का ज्यादातर इस्तेमाल अवैध कामों में किया जा रहा है।

खास तौर पर इसका ज्यादातर इस्तेमाल स्मगलिंग के लिए किया जा रहा है।

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