टीआरपी डेस्क। बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात ‘बुलबुल’ Cyclonic storm ओडिशा से पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश की तरफ बढ़ रहा है।

शुक्रवार को इसके भयानक रूप लेने की आशंका ने चिंता बढ़ा दी है।

मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर,

उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिले में नौ से 11 नवंबर तक भारी बारिश होने की संभावना जताई है।

मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में शुक्रवार से

50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और यह गति बढ़ती चली जाएगी।

मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि चक्रवात पर करीब से नजर रखी जा रही है।

उन्‍होंने कहा कि यह प्रयास किया जा रहा है कि इसकी सटीक दिशा क्या होगी।

यह चक्रवात कहां दस्तक देगा। उन्होंने कहा कि चक्रवात के गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है।

उधर, ओडिशा और बंगाल में एनडीआरएफ की टीमें मुसतैद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चक्रवात पर चिंता जताई

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चक्रवात पर चिंता जताई है।

पीएमओ (PMO) में प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल और

केंद्र शासित प्रदेश अंडमान- नीकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की,

जिसमें प्राकृतिक आपदा से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई।

मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात का केंद्र पारादीप से 680 किमी की दूरी पर स्थित है

और सात किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है।

मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक जीके दास ने कहा था कि

चक्रवात शनिवार को और ताकतवर होकर ‘बहुत गंभीर’ श्रेणी में पहुंच जाएगा,

जिससे समुद्र में स्थिति प्रतिकूल हो सकती है।

‘इसके मद्देनजर मछुआरों को गुरुवार शाम तक तट पर लौटने और अगले आदेश तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।

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