नई दिल्ली। सरकार किसानों को फल और सब्जियों के प्रसंस्करण की उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए 10 लाख

रुपए तक की सब्सिडी दे सकती है। उन्हें खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की ओर से 2 हजार करोड़ रुपए की

प्रस्तावित योजना के तहत यह सहायता मिल सकती है। अधिकारियों की माने तो इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए

वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया गया है। इस पर कैबिनेट की अनुमति की भी जरूरत होगी।

 

10 लाख रुपए तक की सरकारी मदद

खाद्य प्रसंस्करण के लिए अगर इकाई का मालिक कर्ज लेता है तो ब्याज सब्सिडी के अलावा किसी यूनिट

को योजना के तहत मिलने वाली राशि की ऊपरी सीमा 10 लाख रुपए होगी। ‘महिलाओं और उद्यमियों की

ओर से चलाए जा रहे प्रॉजेक्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा। फर्स्ट-टाइम आंट्रप्रन्योर को आसानी से कर्ज मिल जाए,

यह सुनिश्चित करने के लिए इन्हें बैंकों से भी जोड़ा जाएगा। अनाजों और मसालों जैसे कच्चे सामान के निर्यात

के जरिए वैल्यू चेन में प्रोसेसिंग का लेवल बढ़ाने की योजना है। इससे देश को ज्यादा विदेशी मुद्रा मिलेगी और

किसानों को अच्छा रिटर्न मिल सकेगा।’

 

देश में फूड प्रोसेसिंग बिजनस की बड़ी गुंजाइश

भारत दुनियाभर में फल और सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। हालांकि उत्पादन के 10 प्रतिशत से

कम की ही प्रोसेसिंग हो पाती है और जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ बड़ी मात्रा में बर्बाद हो जाते हैं। सरकार

पिछले कुछ सालों में ऐसे खाद्य पदार्थों के प्रसंस्करण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निवेश लाने पर ध्यान दे रही है।

 

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