टीआरपी। भिंड जिले के आलमपुर में स्थित भारतीय स्टेट बैंक के कर्मचारी की गलती से एक व्यक्ति

मुसीबत में आ गया है। बैंक ने दो व्यक्तियों को एक ही खाते से जोड़ दिया, जिसमें एक व्यक्ति अपनी

गाढ़ी कमाई डालता रहा और दूसरा ये समझकर निकालता रहा कि पीएम मोदी खाते में पैसे भेज रहे

हैं।

 

जिले के रूरई गांव के रहने वाले हुकुम सिंह और रोनी गांव के रहने वाले हुकुम सिंह ने एसबीआई की

आलमपुर ब्रांच में खाता खुलवाया। बैंक के बाबू ने पता और खाता नंबर एक रखा और दोनों की पास

बुक में सिर्फ फोटो उन्हीं की अलग-अलग लगवाई। मतलब खाता एक और उसके मालिक दो कर दिए।

रुरई का खाताधारक हरियाणा कमाने चला गया

खाता खुलवाने के बाद रूरई का हुकुम सिंह कुशवाहा कमाने के लिए हरियाणा चला गया। यहां से वह पैसे

बचाकर खाते में जमा करवाता रहा। उधर, रोनी गांव का हुकुम सिंह बैंक पहुंचकर पैसे निकालता रहा। ये

सिलसिला 6 महीने तक चलता रहा। 6 महीने कमा-कमाकर हुकुम सिंह ने खाते में 89 हजार रुपए जमा

कराए, इसे दूसरे हुकुम सिंह ने निकाल लिए।

 

ऐसे खुला मामला

मामले का खुलासा तब हुआ, जब रूरई गांव वाले हुकुम सिंह को जमीन खरीदनी थी, इसके लिए वह 16

अक्टूबर को रुपए निकालने बैंक पहुंचा। यहां उसने देखा कि उनके खाते में सिर्फ 35 हजार 400 रुपए

बचे हैं, जबकि उनके मुताबिक वह अब तक 1 लाख 40 हजार रुपये जमा कर चुका था। उसने बैंक में

इसकी शिकायत की, लेकिन बैंक ने मामले का दबाने की कोशिश की। ऐसा आरोप हुकुम सिंह ने लगाया

है।

 

ब्रांच मैनेजर ने कहा- खाताधारक को पैसे मिलेंगे

आलमपुर एसबीआई बैंक के ब्रांच मैनेजर राजेश सोनकर ने कहा कि पैसा खाताधारक को मिल जाएगा,

लेकिन पता लगा पैसे तो रोनी निवासी हुकुम सिंह के पास हैं। जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने

साफ कहा, ”मेरा खाता था। उसमें पैसा आया। मैं सोच रहा था मोदीजी पैसा दे रहे हैं तो मैंने निकाल

लिया। मेरे पास पैसा नहीं था, हमारी मजबूरी थी। हमने घर में काम करवाया है और इसलिए पैसा हमें

निकालना पड़ा।” रोनी के हुकुम सिंह ने इस लापरवाही के लिए बैंक को जिम्मेदार बताया है।