नई दिल्ली/रायपुर। जीडीपी के कमजोर आंकड़े और वैश्विक मंदी की खबरों के बीच देश की सबसे

बड़ी खबर आज आरबीआई की होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक से निकलकर आ सकती है।

अनुमान लगाया जा रहा है कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है। बताया जा

रहा है कि तीन दिन चली बैठक के बाद रिजर्व बैंक धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए

नीतिगत दरों में एक बार और कटौती कर सकता है। केंद्रीय बैंक यदि आज रेपो रेट घटाता है तो यह

इस साल नीतिगत दर में लगातार छठी बार कटौती होगी। देश की आर्थिक विकास दर में लगातार गिरावट

को देखते हुए बैंकिंग सिस्टम में नकदी बढ़ाने के इरादे से रिजर्व बैंक 2019 में अब तक रेपो रेट पांच बार

में 1.35 प्रतिशत घटा चुका है।

 

25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद :

ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि विकास दर की मौजूदा हालत को देखते हुए आरबीआई रेपो रेट में

कम से कम 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। कुछ विशेषज्ञ तो 40 से 100 आधार अंकों तक

की कटौती की संभावना जता रहे हैं। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के उत्पादन में एक प्रतिशत गिरावट के कारण

जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्घि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.5 प्रतिशत रह गई, जो छह साल का

न्यूनतम स्तर है। अप्रैल-जून तिमाही में यह दर 5 प्रतिशत थी।

 

गुजराल की बात मानी होती तो नहीं बिगड़ते इतने हालात: मनमोहन

आपको याद होगा देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में हुई हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी

दंगों के जख्म अब तक पूरी तरह से नहीं भरे हैं। इस दंगें में कई निर्दोषों को जान गंवानी पड़ी थी। इंदिरा गांधी

की हत्या के बाद बेकाबू हुए कार्यकर्ताओं का गुस्सा निर्दोंषों पर फूट पड़ा था।

 

हाल ही में 1984 के दंगों को लेकर देश के पूर्व प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।

उन्होंने कहा है कि उस वक्त अगर दिवंगत इंद्र कुमार गुजराल की बात मान ली गई होती तो देश में इतने हालात

नहीं बिगड़ते। मनमोहन सिंह ने आइके गुजराल के 100वें जन्मदिन के मौके पर आयोजित एक समारोह में शामिल

होने के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों को टाला जा सकता था अगर

गुजराल की सलाह को मानते हुए हिंसा पर काबू पाने के लिए जल्द से जल्द सेना को बुला लिया जाता।

 

छत्तीसगढ़ सरकार ने आरबीआई से लिया दो हजार करोड़ का कर्ज

छत्तीसगढ़ से पहली बड़ी खबर प्रदेश सरकार की मालीहालत को लेकर निकलकर आई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज फिर लिया है। सरकार इस राशि को आठ

वर्ष में लौटाएगी, वह भी 7.18 फीसद ब्याज के साथ। बीते डेढ़- दो वर्ष के दौरान यह पहला मौका है जब राज्य

सरकार ने एक मुश्त दो हजार करोड़ का कर्ज लिया है। इससे पहले एक बार में अधिकतम एक हजार करोड़ कर्ज

ही लिया गया है। वित्त विभाग के अफसरों के अनुसार इस राशि का उपयोग अधोसंरचना और अन्य विकास कार्यों में

किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले अगस्त और सितंबर में एक- एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।

इससे चालू वित्तीय वर्ष में आरबीआई के माध्यम से लिया गया कर्ज चार हजार करोड़ हो गया है, जबकि कुल कर्ज

चार हजार दो सौ 22 करोड़ हो गया है।

 

टिकिट वितरण को लेकर घमासान

प्रदेश की दूसरी बड़ी खबर नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख दलों में टिकिट वितरण

को लेकर मचे घमासान को लेकर है। भाजपा ने अधिकांश जगहों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

वहीं कांग्रेस में अभी तक कार्यकर्ताओं की मानमन्न्वल का दौर जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार

दोपहर तक कांग्रेस अपने पार्षद प्रत्याशियों की बाकी बची सीटों नामों का ऐलान कर देगी।

 

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