नई दिल्ली। देश को दहला देने वाले निर्भया गैंगरेप मामले में गृह मंत्रालय ने दोषियों की

अर्जी खारिज कर दी है। अब यह दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी गई है। अगर राष्ट्रपति

रामनाथ कोविंद भी इस याचिका को खारिज कर देते हैं तो निर्भया के आरोपियों को फांसी

देने की प्रक्रिया शुरू होगी। बता दें कि केजरीवाल सरकार पहले ही आरोपियों की दया

याचिका खारिज कर चुकी है।

 

केजरीवाल सरकार ने याचिका खारिज करते हुए लिखा था-माफी नहीं। दोषियों ने सबसे

पहले दिल्ली सरकार के सामने दया याचिका लगाई थी। दया याचिका को खारिज करते हुए

दिल्ली सरकार ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी थी। जिसके बाद आज गृह मंत्रालय

ने भी इसे खारिज कर दिया। अब सबकी निगाहें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर हैं कि

वह दया याचिका पर क्या फैसला लेते हैं। महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने

राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे आरोपियों की दया याचिका खारिज कर दें

ताकि निर्भया को भी इंसाफ मिल सके।

 

16 दिसंबर को पूरे हो जाएंगे 7 साल

बता दें कि 2012 में राजधानी दिल्ली में निर्भया के साथ हुई दरिंदगी के बाद आरोपियों

को फांसी की सजा सुनाई गई थी। 16 दिसंबर को इस घटना को 7 साल पूरे हो रहे हैं,

लेकिन अभी तक आरोपियों को फांसी होनी बाकी है।

 

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