टीआरपी डेस्क। 46 साल में भारत में रेप के मामले 1,353 फीसदी बढ़े हैं यह खुलासा नेशनल क्राइम

रिकार्ड ब्यूरो  (National crime record bureau, एन.सी.आर.बी.) के आंकड़ों से सामने आए हैं। आंकड़ों

पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि 1971 से लेकर 2017 तक 46 साल में रेप के मामलों में 1,353

फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इसके मुकाबले जनसंख्या वृद्धि की भी बात करें तो इसमें 1971 (करीब 56 करोड़)

से 2017 (करीब सवा सौ करोड़) तक 220 फीसदी वृद्धि हुई।

 

पहले नहीं होता था महिला के प्रति अपराधों का रिकॉर्ड :

1971 में देशभर में रेप के 2,487 मामले दर्ज किए गए थे जोकि 2017 में 33 हजार 6 सौ 58 तक पहुंच

गए हैं। यहां यह समझना जरूरी है कि ये मामले वे हैं जो कागजों में हैं। इसके अलावा कितने मामलों को

दबा दिया गया इसका आकलन करना मुश्किल है।

 

एन.सी.आर.बी. के आपराधिक मामलों का लेखा-जोखा 1953 से रख रहा है। 1971 में महिलाओं के प्रति अपराध

के मामलों का रिकॉर्ड रखा जाने लगा। इससे पहले महिलाओं के साथ रेप के आंकड़े एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट

में शामिल नहीं किए जाते थे। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि देश में आजादी के बाद से ही महिलाओं से

कैसा बर्ताव किया जाता रहा होगा। 1953 से 1971 में जिन आपराधिक मामलों का रिकार्ड रखा जाता था उनमें

मर्डर, अपहरण, डकैती, घरों के ताले तोड़कर चोरी करना, सांप्रदायिकता फैलाना, ठगी और मारपीट आदि

शामिल था। एन.सी.आर.बी. ने महिलाओं से हुए रेप के आंकड़ों की 1971 से 2013 तक तुलना भी की लेकिन

2014 के बाद तुलनात्मक विश्लेषण सार्वजनिक नहीं किया जा रहा।

 

रेप के 28,156 विचाराधीन आरोपी भी बंद हैं जेलों में :

एन.सी.आर.बी. के 2017 के आंकड़ों के मुताबिक देश की 1,361 जेलों में बंद 4,50,696 कैदियों में से 50,669

कैदी महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में विचाराधीन हैं। इनमें रेप के आरोपियों की संख्या 55.6 फीसदी यानी

28,156 है। दहेज उत्पीडन में महिलाओं की हत्या करने के आरोप में 13,741 यानी 27.1 फीसदी कैदियों के मामले

भी अदालतों में चल रहे हैं। पति और रिश्तेदारों द्वारा महिलाओं के उत्पीडन के 9.1 फीसदी यानी 4,608 विचाराधीन

कैदी भी जेलों में बंद हैं। महिलाओं पर हमला करने के आरोप में 3,426 यानी 6.8 फीसदी आरोपी भी जेलों की

पनाह में हैं। इसके अलावा महिलाओं का अपमान करने वाले 735 यानी 1.5 फीसदी आरोपी भी जेलों की

शरण में हैं। जबकि 10,892 बलात्कारी सजा होने के बाद जेलों में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।