जनमत संग्रह पापुआ न्यू गिनी से अलग होने के पक्ष में

पापुआ न्यू गिनी। भारत में इस वक्त भगोडे कथित धर्मगुरु नित्यानंद के कैलासा को लेकर चर्चा है और

इस बीच विश्व मानचित्र पर जल्द एक नए देश का औपचारिक ऐलान हो सकता है। दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में

स्थित बोगनविले ने पापुआ न्यू गिनी से आजादी हासिल करने के समर्थन में जनमत संग्रह किया है।

 

पापुआ न्यू गिनी से अलग नया देश बनने के लिए बुधवार को जनमत संग्रह के परिणाम की घोषणा की।

बोगनविले जनमत संग्रह आयोग के अध्यक्ष बेरटी अहरेन नेजब इसकी घोषणा की तो लोग खुशी से झूम

उठे। जनमत संग्रह में अलग देश के लिए 98% (176,928) लोगों ने मतदान किया जबकि सिर्फ 2%

(3,043) नागरिक ही ऐसे थे जिन्होंने पापुआ न्यू गिनी के साथ रहने के समर्थन में मत दिया।

 

खूनी संघर्ष का गवाह रहा है बोगनविले :

सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंजनमत संग्रह का परिणाम गैर बाध्यकारी है और बोगनविले तथा

पापुआ न्यू गिनी के नेताओं के बीच के समझौते से आजादी का रास्ता बनेगा। इसके बाद पापुआ न्यू गिनी

के सांसद इस पर फैसला करेंगे। न्यू पापुआ गिनी से अलग होने के समर्थन में आया यह जनमत संग्रह

ऐतिहासिक है। लंबे समय तक बोगनविले के विद्रोहियों ने पापुआ न्यू गिनी और विदेशी सैन्य ताकतों का

सामना किया जिसमें 20 हजार से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। हिंसक संघर्ष का अंत 20

साल पहले 1998 में हुआ था।

अलग देश गठन पर संसद को लेना है फैसला :

फिलहाल जनमत संग्रह का नतीजा भर आया है और संपूर्ण आजादी से पहले पापुआ न्यू गिनी की संसद से

इसे पारित होना है। संसद में बोगनविले की आजादी का पुरजोर विरोध हो सकता है क्योंकि इससे देश के

दूसरे हिस्सों में भी स्वायत्तता की ऐसी ही मांग उठने लगेगी। दरअसल पापुआ न्यू गिनी में भाषा और जनजाति

के आधार पर कई समूह हैं जो स्वायत्तता की मांग करते रहते हैं। हालांकि, जनमत संग्रह के नतीजों को सिरे

से खारिज करना भी देश की संसद के लिए आसान नहीं होगा।

बेहद समृद्ध द्वीप है बोगनविले, पापुआ को होती रही काफी कमाई :

बोगनविले प्राकृतिक संपदा की दृष्टि से बेहद धनी द्वीप है। यहां सोने और तांबे के खदान पर्याप्त मात्रा में हैं

और इससे दशकों तक पापुआ न्यू गिनी को खासी कमाई होती रही। 9,318 किमी. के दायरे में फैले इस द्वीप

में हिंसक संघर्ष की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी। पापुआ को इस खदान से खूब कमाई होती थी

लेकिन बोगनविले को लगा कि उसे कुछ फायदा नहीं हो रहा है। खदानों में निरंतर चलनेवाले काम और

बाहरी लोगों के आने से मूल निवासियों को लगा कि उनकी पारंपरिक जिंदगी में खलल पड़ रहा है। 2001

में बोगनविले और पापुआ में शांति समझौता हुआ, जिसके बाद जनमत संग्रह 2019 में किया गया।

कैसे कोई नया देश बनता है :

किसी भी नए देश का गठन सामान्य प्रक्रिया नहीं है और इसकी एक विधिवत शुरुआत होती है। 20वीं सदी

में नए देश के निर्माण के लिए यूएन चार्टर 1945 के तहत सेल्फ डिटरमिनेशन या स्वघोषणा को मान्य किया

गया है। इसके साथ ही देश सिर्फ एक अवधारणा भर नहीं है और इसके लिए 4 तत्वों को अनिवार्य माना गया है,

जिनमें निश्चित भूभाग, सरकार, जनसंख्या और स्वायत्तता। एक क्षेत्र विशेष को जब अलग देश घोषित किया

जाता है तो यह अनिवार्य है कि विश्व के सामने कानूनी प्रक्रिया के तहत इसका ऐलान भी हो।

 

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