नई दिल्ली। अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने के बाद

शीर्ष कोर्ट के निर्णय के खिलाफ 19 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इन याचिकाओं पर

सुप्रीम कोर्ट फिलहाल विचार कर रहा है। कोर्ट तय करेगा कि इन याचिकाओं पर खुली अदालत

में सुनवाई की जरुरत है या नहीं। गुरुवार की सूची में कुल 18 याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी थीं।

 

वहीं बुधवार को निर्मोही अखाड़े की ओर से भी कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई जिसमें

कोर्ट से फैसले के कुछ पहलुओं को स्पष्ट करने की अपील की गई है। बता दें कि शीर्ष कोर्ट ने

अपने फैसले में निर्मोही अखाड़े को राम लला की सेवा और पूजा का अधिकार ना होने की बात कही थी।

 

9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला

बता दें कि दशकों से जारी राम जन्मभूमि को लेकर विवाद में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 9

नवंबर को बड़ा फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने विवादित जमीन रामलला की मानी थी। इसके साथ

ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अन्य जगह पर मस्जिद का निर्माण करने के लिए केंद्र सरकार को 5 एकड़

जमीन देने का कहा था। इसके साथ ही केंद्र सरकार से एक न्यास बनाने का कहते हुए मंदिर निर्माण

सुनिश्चित करने के निर्देश भी शीर्ष कोर्ट की ओर से दिए गए थे। बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, एसए

बोबड़े, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर शामिल थे। रंजन गोगोई 17 नवंबर को

रिटायर हो चुके हैं। वहीं एसए बोबड़े देश के नए चीफ जस्टिस नियुक्त हुए हैं।

 

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