टीआरपी डेस्क। साल 2019 महिलाओं ने स्पोर्ट्स जगत में अपना दबदबा बनाए रखा । खास कर महिला

एथलीटों के लिए बेहद यह साल शानदार रहा। भारतीय महिला खिलाड़ियों ने भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय

मंचों तक पहुंचने के लिए जी जान से मेहनत की।

 

बता दें कि इसी साल बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु विश्व बैडमिंटन चैम्पियन बनने वाली पहली भारतीय बनीं।

लेकिन इतनी बड़ी जीत की राह कभी आसान नहीं होती। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत,

करने की जरूरत रहती है। कड़ी मेहनत और हौंसले की ऐसी ही कहानी फिलिपीन्स की 11 साल की एथलीट

की है जो अपनी उपलब्धि की वजह से इन दिनों सोशल मीडिया सेंसेशन बनी हुई है।

हाल ही में फिलिपीन्स की एक 11 साल की एथलीट खेल के प्रति अपने समर्पण को दिखाते हुए बगैर

जूतों के रेस में दौड़ी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिया बुलोस नाम की इस एथलीट को जब जूते नहीं

मिले तो वह इंटर स्कूल रनिंग मीट में अपने पांव में टेप से ही खास तरह के जूते बनाकर दौड़ीं।

 

दरअसल नन्हीं एथलीट ने बैंडेज की मदद से ये जूते बनाए थे, यही नहीं बुलोस ने एंकल और सोल को

ढकने के लिए बैंडेज की साइड में अपने तरह के ‘नाइकी’ लोगो भी जोड़ा।

 

सीबीएस स्पोर्ट्स के मुताबिक इस नन्हीं एथलीट ने अपने प्रतिद्वंदियों को हराया और तीन स्वर्ण पदक

जीते। बुलोस ने 400 मीटर, 800 मीटर और 1500 मीटर दौड़ में ये पदक हासिल किए।एक इंटरव्यू

में बुलोस के ट्रेनर उसपर गर्व करते हुए कहा कि वह बहुत मेहनत करती है। जूता नहीं हो पाने की

वजह से वह ट्रेनिंग में थक जाती है।

 

ऑनलाइन फोटो शेयर के बाद मदद के लिए आगे आए लोग

कोच प्रेडीरिक बी. वैलेनजुएला ने जब बुलोस की ऑनलाइन फोटो शेयर की तो लोगों ने नाइकी

(Nike) से निवेदन किया कि वे बच्ची की मदद के लिए आगे आएं। इसके बाद एक बास्केटबॉल

स्टोर के मालिक जैफ कारिआसो ने ट्विटर यूजर्स से एथलीट का नंबर मांगा जिसके बाद बुलोस

तक मदद पहुंचा दी गई। सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी होने के बाद कई लोगों ने

उसे जूते दिलाने का ऑफ़र दिया है। वहीं, कई लोगों ने Nike को ही टैग करके कहा है कि उसे

इसकी मदद करनी चाहिए।

 

सोशल मीडिया पर एक अन्य शख्स ने रिप्लाई दिया कि वह बुलोस के सम्पर्क में है। कुछ ही देर बाद

एक न्यूजपेपर ने एक फोटो जारी किया जिसमें दिख रहा है कि बुलोस एक स्थाानीय मॉल में है और

जूते का नाप दे रही है। लोग सोशल मीडिया का शुक्रिया कर रहे हैं जिसकी वजह से बुलोस को सपोर्ट

मिल रहा है।

 

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