टीआरपी डेस्क :- 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली (Delhi) में कड़ाके की ठंड और कोहरे के बीच चलती बस

में निर्भया के साथ गैंगरेप (Nirbhya Gangrape Case) किया और फिर उसे और उसके दोस्त को फेंक

दिया था। 16 December को निर्भया की 7वीं बरसी (Nirbhya 7th Death Anniversary) मनाई जाएगी।

इस गैंगरेप के खिलाफ देश की संसद से लेकर सड़क तक हर कोई आवाज उठाकर न्याय मांग रहा था।

अभी भी आरोपियों को फांसी नहीं मिली है। 6 में से एक नाबालिग रिहा हो चुका है। एक ने आत्महत्या कर ली

और बाकी 4 अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 17 दिसंबर को फांसी की

सजा को लेकर सुनवाई करेगा और 18 दिसंबर को निर्भया की मां की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट

(Patiala House Court) में 18 को सुनवाई होगी।

 

 

16 दिसंबर की वो रात :

16 दिसंबर की रात को दिल्ली में सर्दी का मौसम था, कड़के की ठंड के बीच निर्भया और उसका

एक दोस्त मूवी देखकर लौट रहे थे। वो दोनों मुनिरका से द्वारका के लिए ऑटो को इंतजार कर रहे थे।

लेकिन ऑटो नहीं मिलने से बस में सवार हो गए। इस दौरान बस में सिर्फ 6 लोग और निर्भया के साथ

उसका दोस्त मौजूद था। इसी दौरान बस में सवार 5 बालिग और एक नाबालिग ने निर्भया के साथ

छेड़छाड़ शुरू कर दी थी।

 

इस दौरान उसके दोस्त ने इसका विरोध किया तो उसे उन लोगों ने जमकर पीटा और वो बेहोश हो गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोस्त के बेहोश होने के बाद निर्भया अकेली पड़ गई और बस रिंग रोड पर

चल रही थी। लेकिन मौके का फायदा देखकर सभी दरिंदों ने निर्भया के साथ एक एक कर रेप किया। लेकिन

रेप के बाद जो किया वो और भी भयानक था। इस दौरान दरिंदों ने निर्भया के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रोड

डाल दी। जिसकी वजह से निर्भया की आंते बाहर आ गईं थी।

 

इसके बाद सभी दरिंदों ने निर्भया और उसके दोस्त को चलती बस से महिपाल पुर के पास वसंत विहार

पर बिना कपड़ों के सड़क पर फेंक दिया। इसके बाद पुलिस को जानकारी मिली कि वसंत विहार में सड़क

पर दो लोग गंभीर हालत में पड़े हैं। सोशल मीडिया पर निर्भाया केस के बारे में लिखा जाने लगा। ये खबर

मीडिया में आते ही आग की तरह पूरे देश में फेल गई। उस दर्द को वो ही जान सकती थी, लेकिन वो कुछ

बताती इससे पहले उसकी मौत हो गई।

 

सफदरजंग अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

लेकिन इलाज के दौरान 29 दिसंबर को निर्भया ने रात के करीब सवा दो बजे वहां दम तोड़ दिया। लेकिन देश में

उसको न्याय दिलवाने के लिए एक संगठन आगे बढ़ा और इस घटना को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए।

माता पिता ने बेटी को न्याय दिलवाने के लिए आज भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं।

 

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