मौत से पहले कहा-दरिंदों को फांसी दो

मुजफ्फरपुर। इंसाफ की उम्मीद लिए अहियापुर में जिंदा जलाई गई युवती जिंदगी की जंग हार गई।

सोमवार रात 11.40 बजे पटना के अपोलो बर्न हॉस्पिटल में उसने दम तोड़ दिया। वह अस्पताल में 10

दिसंबर से भर्ती थी। 7 दिसंबर को दुष्कर्म में विफल रहने पर युवती को राजा और उसके साथी मुकेश ने

केरोसिन छिड़क कर जला दिया था। वह 95 प्रतिशत जल गई थी।

 

मौत से पहले युवती ने कहा कि जिस तरह राजा यानी दरिंदे ने जिंदा जलाया, उसे भी फांसी की सजा मिले।

मैं बीएससी नर्सिंग करके मरीजों की सेवा करना चाहती हूं। भाई ने रोते हुए कहा कि बहन के हत्यारों को

फांसी की सजा हो। एक परिजन ने भास्कर ऑफिस में फोन कर बताया कि पुलिस रात में ही पोस्टमॉर्टम

कराने के लिए दबाव दे रही है। इससे पहले सोमवार दिन से ही उसकी हालत बिगडऩे लगी थी। डॉक्टर उसे

जिंदा रखने के लिए बार-बार पंप कर रहे थे।

छेडख़ानी से मौत तक हर स्तर पर चूक हुई

बीते 3 साल से छेडख़ानी से परेशान युवती और उसके परिजन ने थाने में 5 बार शिकायत की। लेकिन किसी ने

नहीं सुनी। पुलिस ने उल्टा उसे ही नसीहत दी थी, उस (आरोपी के) परिवार से मत उलझो। छेडख़ानी से लेकर

जिंदा जलाए जाने और इलाज से मौत तक हर स्तर पर चूक हुई। वारदात के बाद भी पुलिस ने एफआईआर में

छेडख़ानी या दुष्कर्म के प्रयास की धारा नहीं लगाई। छेडख़ानी की धारा जोडऩे के लिए बीते गुरुवार को

कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।