इस्लामाबाद। पाकिस्तान भारत और अफगानिस्तान के हिस्सों पर अपने अवैध कब्जे वाले इलाकों की

मौजूदा स्थिति से छेडख़ानी की नापाक कोशिश कर रहा है। इससे क्षेत्र में यथास्थिति में बड़े बदलाव

और क्षेत्रीय तनाव बढऩे का संकेत मिल रहा है। पाकिस्तान ने अपने अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके)

के प्रशासन का नाम ‘आजाद कश्मीर’ से बदलकर ‘जम्मू और कश्मीर प्रशासनिक सेवाएं’ (जेकेएएस)

कर दिया है। इसके अलावा वेस्टर्न फ्रंट पर लंबे वक्त से अफगानिस्तान के साथ विवाद वाले डूरंड लाइन

पर बेड़ेबंदी का काम तेज कर दिया है।

नापाक साजिश का पीओके के लोग कर रहे विरोध :

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग इमरान खान सरकार की इस नापाक साजिश

का विरोध कर रहे हैं। पीओके के एक ऐक्टिविस्ट नासिर अजीज खान ने पाकिस्तान के इस कदम की तीखा

विरोध किया है। पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान की मौजूदा स्थिति को बदलने की साजिश पर नासिर ने

कहा कि इमरान खान सरकार इलाके को ‘अवैध तौरÓ पर अपने पंजाब प्रांत में विलय की कोशिश कर रही है।

 

11 दिसंबर को जारी किया गया नापाक आदेश :

ऐक्टिविस्ट और यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नैशनल पार्टी के प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने यह प्रतिक्रिया

11 दिसंबर को जारी एक आदेश पर दे रहे थे। 11 दिसंबर को ‘आजाद कश्मीरÓ सरकार की तरफ से जारी

आदेश में ‘आजाद जम्मू और कश्मीर मैनेजमेंट ग्रुपÓ का तत्काल प्रभाव से नाम बदलकर ‘जम्मू और

कश्मीर ऐडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेजÓ करने की बात कही गई है। यह आदेश पीओके के कथित प्रधानमंत्री

फारूक हैदर खान के उस बयान के ठीक बाद जारी किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि वह

पीओके के संभवत: आखिरी प्रधानमंत्री हो सकते हैं।

पीओके को पंजाब प्रांत में विलय की साजिश रच रहा पाक : ऐक्टिविस्ट

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नासिर अजीज ने कहा कि रजा फारूक हैदर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार

ने उन्हें साफ संदेश दिया है कि वह पीओके के आखिरी प्रधानमंत्री है। यह स्पष्ट रूप से बताता है कि

पाकिस्तान पीओके को पंजाब प्रांत और कुछ हिस्सों को खैबर पख्तूनख्वा में अवैध रूप से विलय की

कोशिश कर रहा है। गिलगित-बाल्टिस्तान के बारे में भी पाकिस्तान का ऐसा ही इरादा है।

संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव को दरकिनार कर इलाके पर पाक ने किया है अवैध कब्जा :

नासिर अजीज ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने इन इलाकों पर अवैध तौर पर कब्जा किया हुआ है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के मुताबिक पाकिस्तान को इन इलाकों से हटना था लेकिन

उसने जम्मू और कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का पालन नहीं किया। इलाके में उनका दमन

जारी है और उन्होंने यहां सांप्रदायिकता के बीज रोप दिए।

भारत का हिस्सा है पीओके :

पाकिस्तान का अवैध कब्जे वाला कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। गृह मंत्री अमित शाह भी दो टूक

कह चुके हैं कि जब हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की बात करते हैं तो उसमें पाकिस्तान के अवैध कब्जे

वाला कश्मीर भी अनिवार्य रूप से शामिल है। जम्मू-कश्मीर को अस्थायी तौर पर मिले विशेष दर्जे को

वापस लेकर सूबे का 2 केंद्रशासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठन के बाद से भारत में यह आवाज तेज होने

लगी है कि अब पीओके को भी वास्तविक अर्थों में भारत में मिलाया जाए।

पाक की नापाक साजिश के विरोध में अफगानिस्तान भी :

पिछले साल अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने खुलासा किया था कि डूरंड लाइन पर

पाकिस्तान की बेड़ेबंदी के प्रॉजेक्ट के लिए अमेरिका धन मुहैया करा रहा है। 1947 में पाकिस्तान और

अफगानिस्तान के बीच सीमा निर्धारित करते हुए अंग्रेजों ने डूरंड लाइन बनाई थी, जिसे अफगानिस्तान

खारिज करता रहा है। 2,640 किलोमीटर लंबी डूरंड लाइन के दोनों तरफ पश्तून लोग रहते हैं। पश्तून

परिवार भी डूरंड लाइन की स्थिति को बदलने की मांग करते रहे हैं।

 

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