लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री

योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से ही की जाएगी।

अब उपद्रवियों से हर्जाने की भरपाई शुरू कर दी गई है। बीते शनिवार को पुलिस ने उपद्रवियों के पहचान

की कार्रवाई की और आरोपियों की संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी।

 

प्रशासन ने मुजफ्फरनगर में 50 दुकानों को सील कर दिया। जिनके दुकान सील किये गये हैं उन दुकानदारों

पर आरोप है कि वो प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचान में शामिल हो सकते हैं।

मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि ‘जिन दुकानों को सील किया गया है वो सभी

मिनाक्षी चौक और कच्ची सड़क इलाके में स्थित हैं। इन लोगों में सबसे ज्यादा उपद्रव मचाया गया था।

हम इस बात का पता लगा रहे हैं कि यह सभी दुकानें क्यों बंद थी और दुकान के पास भीड़ क्यों जुटी थी?

नुकसान का किया जा रहा है आंकलन :

इधर लखनऊ में जिला प्रशासन ने चार सदस्यी पैनल बनाई है। यह पैनल इस बात का आकलन करेगी कि

यहां पुलिस के साथ की गई हिंसा के दौरान कितनी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है? पूरे राज्य में यूपी

पुलिस वीडियो फुटेज के जरिए उपद्रवियों की पहचान करने में जुटी हुई है ताकि उनके खिलाफ कठोर

कार्रवाई की जा सके। कई जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस प्रमुखों ने मीडिया से कहा है कि वो उपद्रवियों

की पहचान करने में जुटे हुए हैं।

 

गोरखपुर में पुलिस का दावा है कि उन्होंने वीडियो फुटेज में 50 लोगों को उपद्रव मचाते देखा है। इनमें से

ज्यादातर लोगों की तस्वीरें मुख्य सड़कों और चौराहे पर लगाई गई है ताकि इनकी पहचान की जा सके।

फर्रूखाबाद शहर में 31 नामजद और 250 अज्ञात लोगों की पहचान की गई है। पुलिस का कहना है कि

पहचान होने के बाद इनकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी।

 

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