रायपुर। नगर निगमों के महापौर तथा अध्यक्ष (स्पीकर) के निर्वाचन 15 दिनों के भीतर कराना है। इसे

लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिया है। आयोग ने निर्देशित करते

हुए कहा कि परिणाम अधिसूचना की तारीख से 15 दिन के भीतर निर्वाचित पार्षदों का सम्मेलन करा

लिया जाए।

 

राज्य निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा कि नगर पालिका निगमों के प्रथम सम्मेलन में वही पार्षद उपस्थित

होकर कार्यवाही में भाग ले सकते हैं, जो छत्तीसगढ़ नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 17(ख)

के अनुसार कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष शपथ या प्रतिज्ञान हस्ताक्षर कर शपथ ले चुके

हों। सम्मेलन के 7 दिन पूर्व प्रत्येक निर्वाचित पार्षद को सम्मेलन के लिए सूचना पत्र भेजा जाए। परिपत्र में

यह भी स्पष्ट किया गया है कि पूर्व नगरपालिक निगम के कार्यकाल समाप्त होने के पूर्व (5 वर्ष का कार्यकाल

पूर्ण होने के पहले) अर्थात विगत निर्वाचन प्रथम सम्मेलन के दिनांक से पूर्व ही वर्तमान में प्रथम सम्मेलन का

आयोजन किया जाना संवैधानिक बाध्यता है। लिहाजा सम्मेलन के लिए समय अनुसूची एवं कार्यक्रम नियत

किया जाए। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्राधिकृत अधिकारी द्वारा सम्मेलन की अध्यक्षता की जाए।

परिपत्र में हैं निर्देश

– जहां मतदान आवश्यक हो वहां पीठासीन प्राधिकारी द्वारा नगरपालिक निगम के महापौर तथा अध्यक्ष (स्पीकर)

पद के निर्वाचन के लिए दो पृथक-पृथक मतपेटी रखी जाए।

– मतपेटी पार्षदों को खोल कर दिखाया जाए और उसके बाद बंद करके ताला लगा दिया जाए।

– सभी पार्षदों को दिशा-निर्देशों को पढ़कर सुनाया जाए।

– मतदान के बाद मतगणना की कार्यवाही करते हुए पृथक-पृथक महापौर तथा अध्यक्ष (स्पीकर) पद के निर्वाचन के

लिए कुल प्राप्त मतों को अभिलिखित किया जाए अर्थात पहले महापौर और बाद में अध्यक्ष (स्पीकर) पद के अभ्यर्थियों

के मतों की गणना अभ्यर्थीवार की जाए।

– प्राप्त कुल विधिमान्य मत और अविधिमान्य मतों का विवरण निर्धारित प्रारूप में तैयार किया जाए और जिस अभ्यर्थियों

को अधिक मत प्राप्त हुए हो उन्हें क्रमानुसार प्राधिकारी महापौर पद हेतु तथा अध्यक्ष (स्पीकर) पद हेतु सम्यक रूपेण

निर्वाचित घोषित किया जाए।

 

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