रायपुर। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी पर पल रहे विजेंद्र कटरे का एक और कारनामा सामने

आया है। इस बार वे फोन पर किसी से एक मुश्त बड़ी रकम की मांग करते सुनाई दे रहे हैं। आपको बता

दें कि टीआरपी इस ऑडियो क्लिप की सच्चाई की पुष्टि नहीं करता है।

 

टीआरपी न्यूज के पास इस वार्तालाप के ऑडियो रिकॉर्ड मौजूद हैं। जिसमें वे किसी से 5 लाख रुपए की

मांग कर रहे हैं। इस ऑडियो क्लिप में स्पष्ट सुनाई दे रहा है कि विजेंद्र कटरे धमतरी में आयोजित यूथ से

जुड़े कार्यक्रम के लिए पांच लाख की मांग कर रहे हैं।

 

इस ऑडियों से कई सवाल उठ रहे है। क्या कोई संविदा में कार्यरत सरकारी कर्मचारी किसी आयोजन के

लिए इस तरह चंदे की मांग कर सकते हैं? कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी एक मंत्री का नाम लेकर

चंदे की बात करना कहां तक सहीं है।

 

इस पूरे वार्तालाप के तीन ऑडियो क्लिप टीआरपी के पास मौजूद है। पहले ऑडियो क्लिप में विजेंद्र कटरे

कांकेर के डॉ गौतम द्वारा फोन किए जाने पर वे मिटिंग की बात कहते हुए बाद में फोन करने की बात कहते हैं।

सुनें ऑडियो क्लिप

 

दूसरे ऑडियो क्लिप में उन्होंने स्वयं संबंधित व्यक्ति को कॉल लगाया है। जिसमें वे एक एक्टीविटी के संबंध में

चर्चा करते सुनाई दे रहे हैं।

सुनें ऑडियो क्लिप

तीसरे ऑडियो क्लिप में विजेंद्र कटरे धमतरी में एक यूथ कार्यक्रम की चर्चा करते हुए 5 लाख रु रकम की मांग

करते हैं।

सुनें ऑडियो क्लिप

कौन हैं विजेंद्र कटरे

विजेंद्र कटरे आयुष्मान भारत योजना के राज्य नोडल एजेंसी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर बगैर योग्यता

के 11 जून 2019 कार्य कर रहे थे। जिनकी नियुक्ति के बाद से स्वास्थ्य विभाग में जमकर बवाल मचा। रअसल राष्ट्रीय

स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) के तहत एडिशनल सीईओ के पद हेतु एमबीबीएस और एमडी (कम्युनिटी मेडिसिन)

की डिग्री की योग्यता निर्धारित है। या फिर अभ्यार्थी को एमबीबीएस और पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट में 10 साल का

अनुभव होना चाहिए। जबकि विजेंद्र कटरे के पास डेयरी टेक्नाेलॉजी में ग्रेजुएशन की योग्यता है।शासन ने जब नियमों

को ताक पर रखकर कटरे की नियुक्ति का आदेश जारी किया तब उचित शर्मा ने अधिवक्ता विकास दुबे के माध्यम से

इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका लगा दी और आदेश को निरस्त करने की मांग की। जिसके बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने

नियुक्ति आदेश पर रोक लगा दिया।

कांग्रेस के पदाधिकारियों ने की थी शिकायत

इस मामले की शिकायत हमारे कार्यकर्ताओं ने चुनाव के दौरान की थी। इस संबंध में कांग्रेस कमेटी की तरफ से केंद्र

व राज्य चुनाव आयोग को शिकायत की गई थी।

डॉ. राकेश गुप्ता, अध्यक्ष हॉस्पिटल बोर्ड

वहीं इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक सिंह का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी।

दंडनीय अपराध

राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स का साथ बरसों पुराना है। किसी भी नेता या मंत्री के लिए चंदा करने का अधिकार केवल पार्टी के

कार्यकर्ताओं को है न कि एक सरकारी कर्मचारी को। सर्विस गाईडलाइन्स के अनुसार यह एक अपराध है। इस मामले में

विभाग व कोर्ट में शिकायत की जानी चाहिए। माफ करने से इस तरह की फितरत को और बढ़ावा मिलेगा।

ममता शर्मा, सोशल एक्टिविस्ट

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