राज्यपाल, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और मंत्रियों ने मंच पर कलाकारों के साथ मिलाए ताल

रायपुर। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन भी आज देर रात तक छत्तीसगढ़ सहित भारत

के कई प्रदेशों और दूसरे देशों से आए आदिवासी नृत्य दलों ने रंगारंग आकर्षक प्रस्तुतियां दी। गीत,

संगीत, नृत्य और रंगों के सम्मोहन में दर्शकों के साथ ही अतिथिगण भी देर रात तक बंधे रहे। ऊपर

मंच पर कलाकारों के और नीचे अतिथियों व दर्शकों के पैर लगातार थिरकते रहे। तीन दिवसीय आयोजन

का समापन रविवार को शाम 7 बजे होगा। अंतिम दिन साइंस कालेज मैदान में महोत्सव में अनेक

मनमोहक प्रस्तुतियां दी जा रही है। यहां हर दिन पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे लोक कलाकारों की

शानदार प्रस्तुतियां देखते ही बन रही है।

राज्यपाल अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, मंत्रीगण और अन्य

अतिथिगण थाईलैंड और बेलारूस के नृत्य दलों की प्रस्तुति के दौरान खुद को थिरकने से नहीं रोक पाए। वे

काफी देर तक उनके साथ कदम मिलाते रहे। वे मांदर की थाप पर जशपुर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत कर्मा

नृत्य पर भी झूमे। आज शाम को थाईलैंड एवं बेलारूस के साथ ही बांग्लादेश के दल ने भी दर्शकों को अपने-

अपने देश की संस्कृति एवं लोकनृत्य से रु-ब-रू कराया।

आदिवासी रंगो से सराबोर महोत्सव के दूसरे दिन आज शाम से लेकर देर रात तक त्रिपुरा, सिक्किम,

मध्यप्रदेश और राजस्थान के साथ ही छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, कोंडागांव और जशपुर के दलों ने विभिन्न

आदिवासी नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया।

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