टीआरपी डेस्क। भारतीय रेलवे के 166 साल के लंबे इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि इस साल

किसी भी यात्री की जान नहीं गई है। भारतीय रेलवे के डेटा के अनुसार रेलगाड़ियों की टक्कर, ट्रेनों में
आग, रेलवे क्रॉसिंग में पिछले 38 साल की तुलना में 95 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है। सुरक्षा की
दिशा में यह रेलवे की बहुत बड़ी उपलब्धि है।
इसकी जानकारी देते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि सेफ्टी फर्स्ट
यानी 166 साल में पहली बार, चालू वित्त वर्ष में भारतीय रेल में एक भी यात्री की मौत नहीं हुई है। बता दें कि
मोदी सरकार भारतीय रेल के आधुनिकीकरण पर ज्यादा जोर दे रही है।
रेलगाड़ियों को गति देने के साथ-साथ उन्हें आधुनिक बनाना और सुरक्षित सफर के लिए बड़े-बड़े कदम
उठाए जा रहे हैं। जहां हवा से बात करती वंदेभारत एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस जैसी चमचमाती गाड़ियां
पटरियों पर दौड़ रही हैं, वहीं ट्रेन एक्सीडेंट भी कम हो रहे हैं।
एक अन्य ट्वीट में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ‘रेलवे सेवाओं के एकीकृत होने से रेलवे की सुविधाओं,
कार्यशैली, और निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार आएगा। यह निर्णय विश्वस्तरीय रेल सेवायें देने
के हमारे संकल्प की दिशा में उठाया गया एक कदम है, इससे रेलवे और बेहतर होगी तथा देश के विकास
में अपना और अधिक योगदान देगी। रेलवे के इतिहास में पहला वित्त साल 2019-20 अब तक सबसे
सुरक्षित गुजरा है। अब तक 9 महीने गुजर चुके हैं और एक भी पैसेंजर की मौत
रिकॉर्ड में नहीं आई।
2018-19 में हुए थे 59 हादसे
रेलवे की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 38 सालों में ट्रेनों के बीच टक्कर, आग लग जाना, लेवल क्रॉसिंग जैसे हादसों
में करीब 95 फीसदी की गिरावट आई है। 2017-18 में 73 रेल हादसे हुए थे। वित्त वर्ष 2018-19 में इसमें कमी
आई और कुल 59 हादसे हुए। उस वित्त वर्ष में हर 10 लाख किलोमीटर पर होने वाले ट्रेन हादसे घटकर अब तक
के न्यूनतम 0.06 पर पहुंच गया।
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