रायपुर/जगदलपुर। बस्तर में चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान सलवा जुड़ूम की वजह से विस्थापित हुए

आदिवासियों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य के मुख्य सचिव आरपी मंडल ने तेलंगाना के

मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जुड़ूम विस्थापितों के पुनर्वास के लिए पहल करने का आग्रह किया है।

इससे पहले प्रदेश के आदिवासी विकास विभाग के सचिव ने भी पड़ोसी राज्यों के सचिवों को पत्र लिखा

था पर कोई नतीजा नहीं आया। अब 27 दिसंबर को मुख्य सचिव ने पत्र लिखा है। यानी अब विस्थापितों

की घर वापसी या जहां वे रह रहे हैं वहीं बेहतर पुनर्वास किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

खम्मम जिले में पांच हजार परिवार

आपको बता दें कि सलवा जुड़ूम विस्थापित बेहद मुश्किल हालात में रह रहे हैं। दूसरे राज्यों में उन्हें आरक्षण

का फायदा नहीं मिल रहा है। मनरेगा में काम, राशन कार्ड जैसी सरकार की दूसरी योजनाओं का लाभ नहीं

मिलता। विस्थापितों ने पिछले साल कोंटा से रायपुर तक साइकिल रैली निकाली थी। इससे पहले कोंटा

से जगदलपुर तक पदयात्रा कर चुके हैं। आदिवासी आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अकेले तेलंगाना

के खम्मम जिले में ही विस्थापितों की पांच हजार परिवार रह रहे हैं।

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