लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में पीएफआई (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर

दी है। आज यहां पुलिस ने पीएफआई से जुड़े 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये 25 लोग विभिन्‍न आपराधिक

गतिविधियों में लिप्‍त थे। प्रदेश के लॉ एंड आर्डर आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि इन  लोगों की धरपकड़ पूरे

प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से की गई है। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में पिछले

दिनों उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कथित तौर पर शामिल होने का

मामला प्रकाश में आने बाद उप्र पुलिस ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

 

उप्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने बताया कि पिछले दिनों राजधानी में सीएए विरोधी हिंसा में

अहम भूमिका निभाने के आरोप में पीएफआई के उप्र प्रमुख वसीम तथा 16 अन्य कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के

बाद उन्होंने संगठन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है।

सिमी का स्लीपर सेल है PFI

वहीं, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि पीएफआई स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया

(सिमी) का ही एक रूप है। राज्य में हुई तोड़फोड़ में पीएफआई की भूमिका ‘साबित” हो चुकी है। उन्होंने कहा,

‘जांच में सच्चाई सामने आ रही है। सिमी किसी भी रूप में उभरता है तो उसे कुचला जाएगा।”

 

यह पूछे जाने पर कि क्या पीएफआई को प्रतिबंधित किया जाएगा, मौर्य ने कहा, ‘प्रक्रिया चालू है। ऐसे संगठनों को

बढ़ने नहीं दिया जाएगा। जरूरत हुई तो प्रतिबंधित भी किया जाएगा। आपको बता दें कि पुलिस ने लखनऊ में हुई

हिंसा के कथित मास्टरमाइंड होने के संदेह में पिछले सप्ताह वसीम को गिरफ्तार किया था। लखनऊ के एसएसपी

कलानिधि नैथानी ने पत्रकारों को बताया था, ‘हमने लखनऊ हिंसा के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने में सफलता

पाई है।

 

पीएफआई के वसीम, नदीम और अशफाक को गिरफ्तार किया गया है। वसीम संगठन का प्रदेश प्रमुख है, अशफाक

कोषाध्यक्ष तथा नदीम एक सदस्य है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) या सीएए

विरोधी बैनर, पोस्टर, झंडे, पर्चे, अखबारों के कटिंग भी उनसे जब्त किए हैं। नैथानी ने बताया था कि नदीम और अशफाक

ने वाट्सएप तथा अन्य सोशल प्लेटफॉर्मों के जरिए लिटरेचर व वीडियो शेयरिंग से लोगों को विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाया था।

 

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