नई दिल्ली। हर साल गणतंत्र दिवस की परेड में विभिन्न राज्यों की झांकियां नजर आती हैं जिनमें उन

राज्यों की कला और संस्कृति को दर्शाया जाता है। इनमें पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड भी शामिल होते

हैं लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। इस साल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल की झांकी को मंजूरी

नहीं दी है। इसके बाद आशंका जताई जा रही है कि केंद्र और राज्य के बी खींचतान बढ़ सकती है।

 

खबरों के अनुसार गणतंत्र दिवस की परेड के लिए 16 राज्यों और छह केंद्र शासित प्रदेशों की 22 झांकियों

को ही मंजूरी मिली है। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी बुधवार को दी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 32

और विभिन्न मंत्रालय व विभागों की तरफ से 24 झांकियों का प्रस्ताव मिला था। इसमें केवल 22 को चुना गया है।

 

जिन राज्यों की झांकी इस बार नहीं दिखेगी, उसमें बंगाल और उत्तराखंड भी शामिल हैं। बंगाल का प्रस्ताव

अस्वीकार हो जाने पर माना जा रहा है कि केंद्र और ममता सरकार के बीच और खटास बढ़ेगी। हालांकि,

खबर लिखे जाने तक इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार  या राज्य की मुख्यमंत्री की तरफ से कोई प्रतिक्रिया

नहीं आई थी।

 

बता दें कि पिछले साल भी केंद्र ने राज्य में ममता सरकार द्वारा चलाई जा रही कन्याश्री योजना को प्रदर्शित

करने के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। बाद में राज्य सरकार की ओर से महात्मा गांधी के जीवन के दो

प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला। जिसमें भारत की स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण मोड़ के दौरान गुरुदेव रवींद्रनाथ

टैगोर के साथ उनके कोलकाता प्रवास को झांकी के जरिए दर्शाया  गया था।

 

उत्तराखंड के उप निदेशक सूचना केएस चौहान ने बताया कि इस बार प्रदेश की ओर से उत्तरकाशी में होने

वाले बटर फेस्टिवल, लाखा मंडल और जल संचय एवं संवर्द्धन थीम पर तीन प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए थे। जिन्हें

केंद्र से मंजूरी नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद अभी तक 11 बार उत्तराखंड की झांकी

गणतंत्र दिवस परेड में आ चुकी है।

 

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